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गौरीनंदन का घर-घर होगा अभिनंदन, बप्पा के सत्कार के लिए शहर तैयार

locationभोपालPublished: Sep 10, 2021 01:33:07 am

Submitted by:

Rohit verma

गणेश उत्सव आज से, शहर में दस दिन रहेगा उत्सवी माहौल

गौरीनंदन का घर-घर होगा अभिनंदन, बप्पा के सत्कार के लिए शहर तैयार

गौरीनंदन का घर-घर होगा अभिनंदन, बप्पा के सत्कार के लिए शहर तैयार

भोपाल. गणेश चतुर्थी के साथ ही शुक्रवार से दस दिवसीय गणेश उत्सव की शुरुआत हो जाएगी। घरों में विधि-विधान के साथ भगवान गणेश की स्थापना की जाएगी। अनंत चतुर्दशी तक श्रद्धालु भगवान गणेश की आराधना करेंगे। भगवान गणेश के स्वागत सत्कार के लिए घर-घर में तैयारियां चल रही है। गणेश उत्सव को लेकर शहर में उत्साह नजर आ रहा है। शहर के गणेश मंदिरों में आकर्षक साज सज्जा की गई है, इसी प्रकार चौक चौराहों पर भी पंडाल सजाकर भगवान गणेश की स्थापना की जाएगी। गणेश उत्सव के चलते शहर में जगह-जगह आकर्षक लाइटिंग लगाई गई है।
नहीं सजेगी बड़ी झांकियां, पंडालों में विराजेंगे गणेश
पर्यावरण संरक्षण के लिए इस बार शहर में 25 हजार से अधिक घरों में ईको फ्रेंडली प्रतिमाएं विराजमान की जाएगी। इसके लिए शहर में अनेक स्थानों पर स्टॉल लगाकर प्रतिमाओं की बिक्री की गई इसके अलावा अनेक स्थानों पर बड़ी झांकियां सजाई जाती थी, लेकिन कोविडगाइड के चलते बड़ी झांकियां स्थापित नहीं की गई है। शहर में चौक चौराहों पर पंडालों में गणेश स्थापना की जाएगी। शहर में 2 हजार से अधिक स्थानों पर सार्वजनिक रूप से भगवान गणेश की स्थापना की जाती है।
आज न करें चंद्रदर्शन
गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रदर्शन करना निषेध माना गया हैं। पं. विष्णु राजौरिया के अनुसार जिस दिन गणेशजी की स्थापना की जाती है, उस दिन चंद्रदर्शन करना वर्जित है। मान्यता है कि इस दिन चंद्रदर्शन करने से कलंक लगता है। इसलिए इस दिन चंद्रदर्शन नहीं करना चाहिए।
गणेश प्रतिमाएं घर ले जाते रहे श्रद्धालु
राजधानी में भगवान गणेश की प्रतिमाओं की बिक्री के लिए जगह-जगह स्टॉल लगाए गए हैं। स्टालों पर गुरुवार को भी लोग भगवान गणेश की प्रतिमाएं खरीदकर अपने घरों में लेकर जाते नजर आए। शहर के माता मंदिर, न्यू मार्केट, दस नंबर, होशंगाबाद रोड, पुराना शहर, कोलार रोड सहित अनेक स्थानों गणेश प्रतिमाओं के स्टॉल लगाए गए हैं।
हरतालिका तीज: पति की लंबी उम्र के लिए रखा निर्जला व्रत
म हिलाओं का प्रमुख निर्जला व्रत पर्व हरतालिका तीज गुरुवार को मनाई गई। इस मौके पर सुहागिन महिलाओं ने अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखा, इसी प्रकार कुवारी कन्याओं ने भी मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए व्रत रखा। घरों में फुलोरा सजाकर बालू से शिवङ्क्षलग बनाकर पूजा अर्चना की। इस दौरान महिलाओं ने रतजगा किया। सुबह सूर्योदय के साथ महिलाओं ने व्रत का संकल्प लिया।

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