
कूनो में इसी महीने 12 चीते और आएंगे। कूनो में चीता प्रोजेक्ट को सफल बनाना हमारी जिम्मेदारी है, इसलिए पूरा फोकस अभी चीतों पर ही है। यह बातें भोपाल आए केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहीं। उनके अनुसार मप्र में चीतों के आने के बाद अब गिर के शेरों (Gir lions) का आना मुश्किल हो गया है। केंद्र सरकार ने लोकसभा में बताया है कि कूनो आने वाले गिर के शेरों (Gir lions) के लिए गुजरात में ही नए घर के रूप में बरदा सेंचुरी को उनके लायक पाया गया है।
गिर में औसतन हर साल 27 शेरों की मौत
यादव के अनुसार यह सेंचुरी गिर नेशनल पार्क से सिर्फ 80 किलोमीटर दूर है, जो पोरबंदर में समुद्र किनारे और बरदा-एलेक पहाड़ियों के बीच मौजूद है। वहीं गुजरात वन विभाग के अनुसार वर्ष 2013-14 से नवंबर 2022 तक गिर वनों में 240 शेरों की मौत हुई है। यानि गिर में हर साल औसतन 27 शेरों (Gir lions) की मौत हो रही है।a
शेरों के लिए कूनो नेशनल पार्क पूरी तरह तैयार
वहीं दूसरी ओर मप्र के पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ जेएस चौहान क अनुसार कूनो पार्क को दो दशकों से शेरों (Gir lions) के लिए तैयार करने के बाद लगातार मेंटेन किया जा रहा है। यह अब एशियाई शेरों (Gir lions) की बसाहट के लिए पूरी तरह तैयार है। पीसीसीएफ शुभरंजन सेन और कूनो लाइन प्रोजेक्ट के डायरेक्टर उत्तम शर्मा का कहना है कि सरकार जब चाहे, शेर ला सकती है। चीतों की बसाहट से शेरों के हैबिटेट पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। नामीबिया में जिस पार्क से चीतों को लाया गया है, उसमें शेर और चीते साथ रहते हैं।
महामारी से बचाने शिफ्ट करना जरूरी
इसके अलावा वन्यजीव विशेषज्ञों ( एफ कुदसर सहित कुछ अन्य जानकारों ) का भी मानना है कि भारत में शेरों (Gir lions) को किसी महामारी से बचाना जरूरी हो गया है। इसके लिए गिर से कुछ शेरों (Gir lions) को नई जगह शिफ्ट किया जाना चाहिए। ऐसे में यह जगह गिर से जितना ज्यादा दूर हो, उतना अच्छा होगा।
इन जानकारों के अनुसार गिर के नजदीक ही शेरों (Gir lions) को शिफ्ट करने से लॉयन परियोजना का उद्देश्य पूरा नहीं हो सकता। ज्ञात हो कि तंजानिया के सेरेंगेटी नेशनल पार्क में एक बार केनाइन डिस्टेंपर वायरस अटैक से कैट फैमिली के 75 फीसदी जानवरों की मौत हो गई थी। ऐसे में तंजानिया जैसे हादसे से शेरों (Gir lions) को बचाना जरूरी है, इसलिए कूनो में शेरों के ट्रांस-लोकेशन का फैसला दुनिया के श्रेष्ठतम वैज्ञानिक रिसर्च के आधार पर लिया गया है। गिर के बाद एशियाई शेरों (Gir lions) के लिए भारत में कूनो के अलावा कोई और ऐतिहासिक भौगोलिक विस्तार क्षेत्र नहीं हैं।
Published on:
15 Jan 2023 03:43 pm
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