
भोपाल एम्स।
Good News: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल में हार्ट और लंग्स ट्रांसप्लांट को हरी झंडी मिली है। इसके साथ मध्यभारत में एम्स पहला शासकीय अस्पताल होगा, जहां यह जटिल सर्जरी की जाएगी। अब तक प्रदेश के सरकारी और निजी अस्पतालों में बोन मैरो, किडनी और लिवर ट्रांसप्लांट की ही सुविधाएं थीं। मरीजों को एम्स (AIIMS) में ट्रांस्लांट के लिए महज 8 लाख खर्च करने होंगे, जबकि निजी अस्पतालों में 30-50 लाख तक खर्च होते थे।
अभी किडनी-बोन मैरो ट्रांसप्लांट (Kidney-Bone Marrow Transplant) सुविधा मध्य प्रदेश में अभी सिर्फ भोपाल और इंदौर के तीन सरकारी अस्पतालों (MP Government Hospitals) में ट्रांसप्लांट की सुविधाएं हैं। राजधानी में एम्स और हमीदिया अस्पतालों में किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा है। वहीं इंदौर के मेडिकल कॉलेज में किडनी और बौन मैरो ट्रांसप्लांट किए जा चुके हैं।
मानव अंगों (Human Organs) को समय पर पहुंचाने के लिए भारत सरकार (Government of India) ने नए प्रोटोकॉल (New Protocol) में एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) की तैयार की है। इसके अंतर्गत अब मानव अंग लेकर जाने वाले विमान को हवाई अड्डे (Airport) पर प्राथमिकता दी जाएगी।
उनको पहले टेक ऑफ और लैंडिंग की अनुमति होगी। साथ ही प्रक्रिया से जुड़े चिकित्सा कर्मियों के लिए आरक्षण रहेगा। वहीं सड़क परिवहन के लिए भी राज्य में पुलिस विभाग (mp police department) से नोडल अधिकारी (nodal officer) नियुक्त किए जाएंगे।
राजधानी भोपाल में हर साल 8-10 कैडेवर डोनेशन(Cadaver Donation) होते हैं। यह अभी निजी सेंटर (Private Sectors) में हो रहे हैं। एम्स में डोनेशन की अनुमति मिलने से ज्यादा डोनेशन होने की संभावना है। हार्ट और लंग्स ट्रांसप्लांट की जटिल सर्जरी का लाभ कम खर्च में मरीजों को मिलेगा।
-डॉ. अजय सिंह, निदेशक, AIIMS भोपाल
Updated on:
06 Aug 2024 09:37 am
Published on:
06 Aug 2024 09:36 am
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