MP News: राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की सख्ती के चलते सत्र 2025-26 से भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय की बीएड की मान्यता समाप्त कर दी गई है।
MP News: मध्यप्रदेश में योग्य शिक्षकों की जरूरत लगातार बढ़ रही है, लेकिन सरकारी विश्वविद्यालयों में बीएड जैसे महत्वपूर्ण कोर्स पर संकट गहराता जा रहा है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की सख्ती के चलते सत्र 2025-26 से भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय की बीएड की मान्यता समाप्त कर दी गई है। हर साल करीब 1000 छात्रों को डिस्टेंस मोड से बीएड की सुविधा देने वाला यह विश्वविद्यालय अब इस कार्यक्रम से बाहर हो गया। वहीं, बीयू की स्थिति भी अलग नहीं है।
बीएड विभाग एक समय बीयू का सबसे प्रतिष्ठित विभाग माना जाता था, लेकिन पिछले चार साल से बंद पड़ा है। एनसीटीई ने स्पष्ट किया है कि विवि के पास न तो पर्याप्त फैकल्टी हैं और न ही जरूरी संसाधन, जिससे कोर्स की गुणवत्ता प्रभावित होती है। यही वजह है कि एनसीटीई लगातार बीयू को मान्यता देने से इंकार कर रहा है।
राज्य में हालात यह हैं कि सिर्फ 8 सरकारी कॉलेजों में ही बीएड की पढ़ाई होती है, जहां पहले से कार्यरत शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाती है। ऐसे में नए अभ्यर्थियों के लिए इन कॉलेजों में सीट पाना मुश्किल होता जा रहा है। विकल्प के तौर पर अब सिर्फ 650 निजी बीएड कॉलेज ही बचे हैं, जो इसका भरपूर फायदा उठा रहे हैं। प्रवेश प्रक्रिया के तीन राउंड पूरे हो चुके हैं और अब तक 51,456 छात्र इनमें दाखिला ले चुके हैं।
सरकारी विश्वविद्यालयों में बीएड कोर्स बंद होने और निजी कॉलेजों को छूट मिलने से शिक्षा के स्तर और पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। यह स्थिति दर्शाती है कि शिक्षकों की मांग तो है, लेकिन उन्हें प्रशिक्षित करने के लिए सरकारी संस्थान पीछे हट रहे हैं और निजी संस्थान मनमानी कर रहे हैं।
हमने चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स (आईटीईपी) के लिए आवेदन किया है। राज्य सरकारी से भी इस कोर्स के लिए अनुमति मिल चुकी है। संभत: इस कोर्स के लिए 2026-27 के लिए एनसीटीई की मंजूरी मिल सकती है। जिससे छात्रों को प्रवेश का मौका मिल सकेगा।- डॉ. हेमंत खंडई, एचओडी, बीएड डिपार्टमेंट