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सोशल मीडिया कंपनियों पर सख्त हुई सरकार

आपत्तिजनक पोस्ट देने पर मिलेगा कानूनी नोटिस  

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भोपाल

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Arun Tiwari

Jul 15, 2021

Active users on Social Media soft target for cyber fraudsters

Active users on Social Media soft target for cyber fraudsters

भोपाल : सरकार अब सोशल मीडिया कंपनियों पर सख्त हो गई है। विधि विरुद्ध या आपत्तिजनक जानकारी देने वाली एजेंसियां कानून के जद में आएंगी। इस तरह की जानकारी शेयर होने पर फेसबुक, ट्विटर, इंस्ट्राग्राम समेत अन्य सोशल मीडिया या ऑनलाइन एजेंसियों को सरकार धारा 79 तीन बी, आईटी एक्ट के तहत कानूनी नोटिस जारी कर सकेगी। इसके लिए गृह सचिव को अधिकृत किया गया है। गृह सचिव इस संबंध में नोटिस जारी कर सकेंगे। गृह सचिव सोशल मीडिया या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म चलाने वाली एजेंसी को सीधे नोटिस जारी कर ऐसी सामग्री तत्काल हटाने के लिए कह सकेंगे। यदि इसके बाद भी सरकार के आदेश का पालन नहीं होता है तो संबंधित एजेंसी के खिलाफ कार्यवाही की जा सकती है।

कानून के खिलाफ जानकारी में बाल यौन शोषण सामग्री, आतंकी गतिविधियों को प्रोत्साहन की जानकारी, शस्त्र का अवैध विक्रय, हिंसा को प्रोत्साहन, छुआछूत से जुड़े अपराध, साइबर अपराध, आत्महत्या को प्रोत्साहन, अफवाहों का प्रसार, भारत के नक्शे का गलत चित्रण, बाल विवाह, वित्तीय धोकाधड़ी, पशु क्रूरता, औषधियों का भ्रामक प्रचार, पटाखों की ऑनलाइन बिक्री शामिल हैं। गृह विभाग ने ये आदेश केंद्र सरकार के पत्र के संदर्भ में दिए हैं। केंद्र सरकार ने प्रदेश सरकार को पत्र भेजा था जिसमें सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 के प्रावधान के अनुसार साइबर स्पेस में गैरकानूनी गतिविधियों को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा गया है। सरकार को लगता है कि गैरकानूनी सामग्री की शेयरिंग का प्रचलन बढऩे से न सिर्फ कानून व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो रही है बल्कि लैंगिक अपराधों में वृद्धि हो रही है। ऐसी सामग्री को तत्काल हटाने की आवश्यकता दिनों दिन बढ़ती जा रही है। एसीएस गृह राजेश राजौरा ने इस संबंध में सभी विभागों के एसीएस, प्रमुख सचिव और सचिवों को पत्र जारी किया है।

कांग्रेस ने कहा सोशल मीडिया की आवाज दबाने की कोशिश :
सरकार के इस आदेश पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई है। कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपनी निरंतर आलोचनाओं से घबराई शिवराज सरकार का अब सोशल मीडिया की आवाज को दबाने का व अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता छीनने का कुत्सित प्रयास है इसीलिए तुगलकी आदेश निकाला है। अब सरकार तय करेगी कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आपका लिखा सही है या गलत।