
केन्द्र सरकार की गाइडलाइन पर बने ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट मध्यप्रदेश में नहीं होंगे स्वीकार
भोपाल. राज्य सरकार की ओर से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश और शासकीय नौकरियों में 10% आरक्षण देने के संबंध में जारी आदेश के बाद राज्य में EWS ईडब्ल्यूएस श्रेणी में आने वाले सवर्णों के सामने एक नया संकट खड़ा हो गया है।
ईडब्ल्यूएस कोटे का लाभ लेने के लिए केंद्र द्वारा तय गाइडलाइन पर बनवाए गए सर्टिफिकेट मप्र में मान्य नहीं होंगे। डायरेक्टर टेक्निकल एजुकेशन वीरेन्द्र सिंह का कहना है कि मप्र शासन की ओर से जो गाइडलाइन तय किया गया है मप्र शासन उसी को ही मान्यता देगा।
ऐसे में जिन अभिभावकों ने केंद्र सरकार द्वारा तय गाइडलाइन के आधार पर ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट बनवाए हैं उन्हें नए सिरे से राज्य सरकार के तय गाइडलाइन के आधार पर सर्टिफिकेट बनवाना होगा। केंद्र सरकार ने ईडब्ल्यूएस के तहत 10% आरक्षण के आदेश के बाद लोगों ने सर्टिफिकेट बनवाए।
मप्र में यह सर्टिफिकेट नहीं बन पा रहे थे। छह मई को सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से आदेश जारी कर कलेक्टर को यह सर्टिफिकेट जारी करने का आदेश दिया था लेकिन अब यह सर्टिफिकेट मान्य नहीं होंगे।
आयुष कॉलेजों में भी मिलेगा इडब्ल्यूएस सीटों का फायदा
एलोपैथी कॉलेजों के बाद अब प्रदेश के आयुष कॉलेजों को भी इडब्ल्यूएस सीटों का लाभ मिल सकेगा। जिन परिवारों की आय आठ लाख से कम हैं उनके लिए भी कॉलेजों में सीट आरक्षित की जाएगी। इसके लिए सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन( सीसीआईएम) ने मंजूरी दे दी है।
यह सीटें इसी सत्र से काउंसिलिंग में शामिल हो सकती हैं। प्रदेश में आयुष के 53 कॉलेज हैं जिनमें करीब 2900 सीटें हैं। इडब्ल्यूएस नियमों के मुताबिक 700 सीटों का इजाफा हो जाएगा। राजधानी में आयुष आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी के कॉलेजों की संख्या 15 है। इसमें यूजी की 1330 सीटों पर दाखिला होना है। यदि इस सत्र में इडब्ल्यूएस कोटे की सीटों में इजाफा होता है तो करीब 335 सीटें बढ़ जाएंगी।
भोपाल में कॉलेज - सीट - इतनी बढ़ेंगी
आयुर्वेद-08 - 740 - 155
होम्योपैथी-05 - 380 - 90
यूनानी-01 - 60 - 15
प्रदेश में
आयुर्वेद-20 - 1480 - 350
होम्योपैथी-28 - 1200 - 300
यूनानी-04 - 220 - 50
ईडब्लूएस सर्टिफिकेट के संदर्भ में मप्र शासन की ओर से जो गाइडलाइन और प्रोफार्म तय किया गया है तकनीकी शिक्षा विभाग उसे ही मान्यता देगा। केंद्र द्वारा तय गाइडलाइन के आधार पर बनाए गए सर्टिफिकेट मान्य नहीं होंगे।
वीरेन्द्र कुमार, डायरेक्टर टेक्निकल एजुकेशन, मप्र
सवर्ण आरक्षण के लिए रोका गया यूजी में एडमिशन
केंद्र और राज्य सरकार के सवर्ण आरक्षण कानून के अंतर को दुरूस्त करने के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने अंडर ग्रेज्युएशन कोर्स में प्रवेश की प्रक्रिया को रोक दिया है। पहले राउंड में रजिस्टर्ड और सीट अलॉटमेंट लेटर लेकर प्रवेश प्राप्त कर चुके विद्यार्थियों के बारे में भी नए सिरे से विचार किया जा रहा है।
अंडर ग्रेज्युएशन कोर्स में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए 4 से 8 जुलाई तक कार्रवाई चलनी थी। उल्लेखनीय है कि 15 जून से जारी प्रक्रिया के बावजूद शहर के सभी कॉलेज की सीटें अभी भी 50 प्रतिशत ही भरी हैं। प्रदेश में 7.5 लाख सीटों के मुकाबले1.85 लाख विद्यार्थियों ने ही रजिस्ट्रेशन करवाए थे जिनमें से काफी कम संख्या में प्रवेश हो सके हैं।
इसकी बड़ी वजह ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में दस्तावेज सत्यापन नहीं होना और फीस जमा करते वक्त लिंक जनरेट नहीं होना था। ओटीपी वेरिफिकेशन में दिक्कतों की वजह से भी विद्यार्थी अलॉटमेंट लेटर मिलने के बावजूद प्रवेश नहीं ले सके थे।
बीई रजिस्ट्रेशन 6 से : इधर, विद्यार्थियों को 10 प्रतिशत सवर्ण आरक्षण देने के लिए रोकी गई बीई कोर्स में रजिस्ट्रेशन की कार्रवाई को छह जुलाई से दोबारा शुरू किया जा रहा है। बीई में रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया नौ जुलाई तक जारी रहेगी।
Published on:
05 Jul 2019 03:19 pm
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