
शिक्षा विभाग परीक्षा की तैयारियों में अभी से जुट गया है
भोपाल। मध्यप्रदेश में स्कूली शिक्षा के खराब स्तर को सुधारने की कवायद सरकार ने शुरू कर दी है। प्रदेश सरकार का फोकस है कि बच्चे केवल स्कूल में होने वाली पढ़ाई के भरोसे ही न रहें, बल्कि अभिभावक उन्हें घर में कैरियर के हिसाब से तैयारी करवाएं।
बाल दिवस पर प्रदेश सरकार कक्षा पहली से आठवीं तक के बच्चों के अभिभावकों को बच्चों कैरियर बनाने और आगे बढऩे के टिप्स के साथ एक पर्चा बांटने जा रही है। राज्य शिक्षा केंद्र ने इस मामले में सभी कलेक्टरो से पर्चे छपवा कर बांटने की व्यवस्था करने को कहा है।
बच्चों को दिए जाने वाले इस पर्चे में स्कूल शिक्षा मंत्री प्रभुराम चौधरी का एक संदेश भी होगा। इस संदेश में लिखा गया है कि बच्चों को नियमिति स्कूल भेजें, घर में उनके पढऩ के लिए एक सुविधाजनक और शांत स्थान तय करें। बच्चे को रोज घर में पढऩे की आदत डालें। जब बच्चा पढ़ाई करे उसे उस समय डिस्टर्ब न करें। पहली से पांचवीं कक्षा के बच्चों को हर दिन घर पर कम से कम आधा घंटा पढने बिठायें।
छठवीं से आठवीं कक्षा के बच्चों को हर दिन घर पर कम से कम एक घण्टा पढने बैठाएं। आठवीं से दसवीं कक्षा के बच्चों को हर दिन कम से कम दो घण्टा घर में पढ़ाएं। स्कूल से घर आने पर बच्चे से स्कूल में हुई गतिविधियों पर चर्चा करें। कक्षा में क्या गृह कार्य मिला है, इस पर बात करें व उसे पूरा करने में बच्चे की सहायता करें। प्रत्येक अभिभावक शिक्षक बैठक में अवश्य शामिल हों।
सीएम जता चुके हैं चिंता-
हाल ही में राजधानी में हुए स्टीम कॉनक्लेव में मुख्यमंत्री कमलनाथ प्रदेश के स्कूल शिक्षा की कमजोर स्थिति पर चिंता जता चुके हैं। उन्होंने शिक्षकों से अपील की थी कि वे अध्यापन को सरकारी काम न समझे बल्कि समाज सेवा समझे। अब सरकार अभिभावकों से भी संपर्क बनाने जा रही है। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद ये पर्चे छपवा कर आनन-फानन में बंटवाए जा रहे हैं।
Published on:
08 Nov 2019 10:16 am
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