भोपाल में बना ग्रीन कॉरिडोर, 18 मिनट में सुरक्षित एयरपोर्ट पहुंचाया गया 'लिवर'
- लोगों ने एंबुलेंस को देख किया 'सलाम'
- टीचर तापसी चक्रवर्ती का लिवर, दो किडनी व आंखें दान कर परिवार बना मिसाल

भोपाल। भोपाल में एक बार फिर ग्रीन कॉरिडोर ( Green Corridor) बना। दिल्ली में जिंदगी और मौत से जूझ रहे एक मरीज को नई जिंदगी देने के लिए शनिवार शाम 6:45 बजे बंसल हॉस्पिटल ( Bnasal Hospital ) से एंबुलेंस 'लिवर' लेकर रवाना हुई। एंबुलेंस से 18 मिनट में 7 बजकर 3 मिनट में एयरपोर्ट पहुंचाया गया। उसके बाद इसे भोपाल से विमान के जरिए दिल्ली ले जाया गया है, जहां आईएलबीएस अस्पताल में भर्ती एक मरीज का ट्रांसप्लांट किया जाएगा।

जानकारी के लिए बता दें कि यह लिवर टीचर तापसी चक्रवर्ती का था। उनकी ब्रेन हेमरेज से 7 जनवरी को मौत हो गई थी। परिवार ने उनके अंगों को दान करने का निर्णय लिया। इस दौरान हॉस्पिटल से एयरपोर्ट ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। पूरे रास्ते ट्रैफिक रोक दिया गया। इस दौरान जिसने भी एंबुलेंस को देखा, उसे तुरंत सलाम किया।
अंग दान का किया था फैसला
शिक्षिका के तौर पर अपनी पूरी जिंदगी सेवा करने वाला तापसी चक्रवर्ती का निधन हो गया है। बंसल अस्पताल में निधन के बाद उनके परिवार के लोगों ने अंग दान का फैसला किया था। परिवार के इस फैसले से 3 लोगों को नई जिंदगी मिली हैं। तापसी का लिवर दिल्ली में एक मरीज को ट्रांसप्लांट किया जाएगा। वहीं किडनी और आंख भोपाल के ही 2 मरीजों को दान दी गई है। किडनी और आंख भी ग्रीन कॉरिडोर के जरिए अस्पताल में पहुंचाया गया है।

जानिए क्या है 'ग्रीन कॉरीडोर'
ग्रीन कॉरीडोर ऐसा कॉरीडोर है जिसमें हार्ट, किडनी, लिवर, अन्य अंग या मरीज को ले जा रही एंबुलेंस के लिए रास्ता खाली कराया जाता है। इसमें दूसरे वाहन नहीं होते। सिर्फ एंबुलेंस ही अपनी पूरी रफ्तार से चलती है। ताकि समय से पहले अंग प्रत्यारोपण के लिए पहुंच सके।
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