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election 2019: जब नौकरी के लिए उम्र और शिक्षा अनिवार्य है तो प्रत्याशियों के लिए क्यों तय नहीं

locationभोपालPublished: Mar 25, 2019 01:14:57 pm

Submitted by:

KRISHNAKANT SHUKLA

लोकसभा चुनाव: राजनीतिक दल के प्रतिनिधियों सहित विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों ने रखी रायजब नौकरी के लिए उम्र और शिक्षा अनिवार्य है तो प्रत्याशियों के लिए क्यों तय नहीं

group discussion

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भोपाल. जब भी किसी सरकारी कार्यालय में किसी पद के लिए भर्ती होती है, तो उसके लिए शिक्षा, आयु, कंप्यूटर दक्षता सहित कई मापदंड तय किए जाते हैं और एक उम्र के बाद कर्मचारी को रिटायर भी कर दिया जाता है, लेकिन राजनीति इससे अछूती है।
राजनीतिक दल जनप्रतिनिधि के लिए कोई मापदंड तय नहीं करते हैं। इसका परिणाम यह होता है कि अनपढ़ लोग भी जनप्रतिनिधि बन जाते हैं। इसलिए राजनीति में भी इस तरह के मापदंड होना चाहिए, ताकि टिकट देने से पहले योग्य, पढ़े लिखे लोग आगे आ सके।
पत्रिका कार्यालय में रविवार को आयोजित पत्रिका के टॉक शो में विद्वानों ने यह विचार रखे। प्रमुख राजनीतिक दलों के साथ सामाजिक धार्मिक क्षेत्रों में कार्य करने वाले लोगों ने भी अपनी बेबाकी के साथ अपनी बात रखी। सभी का कहना था कि जाति, धर्म, समाज, परिवारवाद से हटकर ऐसे प्रत्याशी का समर्थन करना होगा जो जनता के बीच का हो, पढ़ा लिखा हो। युवाओं और महिलाओं को भी अधिक से अधिक मौका मिलना चाहिए।
सभी ने कहा- राजनीतिक क्षेत्र में युवा और महिलाओं को आरक्षण मिलना चाहिए

राजनीतिक क्षेत्र में युवा और महिलाओं को आरक्षण मिलना चाहिए। जब कर्मचारी के लिए नौकरी की अर्हता और आयु तय है, तो राजनीति क्षेत्र में क्यों नहींं। यदि ऐसा हुआ तो अधिक से अधिक युवाओं को मौका मिलेगा। इस ओर के कदम उठाना जरूरी है।
आरबी सक्सेना, एडवोकेट, सचिव, अभा कायस्थ महासभा
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