इस मौके पर आईसीएआई के पूर्व अध्यक्ष सीए मनोज फडनविस तथा उपाध्यक्ष सीए चर्चिल जैन मौजूद थे। मुंबई के सीए खुसरो पंथी ने सीए के समक्ष कम्पनीज अधिनियम से जुड़े कुछ अहम मुद्दों पर प्रकाश डाला। उन्होंने ऑडिट रिपोर्ट के बदलावों से सभी को अवगत करवाया। उन्होंने कंपनीज अधिनियम में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को ध्यान में रखते हुए लोन, डिपॉजिट्स, निर्देशकों को दिए जाने वाले भत्ते आदि से संबंधित संशोधनों पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि सीए को ऑडिट रिपोर्ट तैयार करते समय हर चीज पर पैनी निगाह रखनी चाहिए। हर छोटे से छोटा प्वाइंट रिपोर्ट को प्रभावित कर सकता है।
अहमदाबाद के सीए कुंतल शाह द्वारा बैंक ऑडिट में कंप्यूटरीकरण के महत्व और ऑडिट पर उसके प्रभाव को बताया। उन्होंने बैंक के सॉफ्टवेयर के कुछ कमांड जो ऑडिटर को सरलता से ब्रांच की जानकारी दे सके, यह भी बताया। दिल्ली की सीए रोहिणी अग्रवाल ने हेज से संबंधित संशोधनों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि माल बेचने वाले व्यापारी और सेवा प्रदाता अपने पहले 50 लाख के टर्नओवर पर केवल 6 प्रतिशत की दर से जीएसटी भर सकते हैं।
माल बेचने वाले व्यापारी अब 20 लाख के बदले 40 लाख तक जीएसटी रजिस्ट्रेशन से मुक्त रह सकते है, क्योंकि रजिस्ट्रेशन की लिमिट को 20 से बढ़ाकर 40 लाख कर दिया गया है । एक अप्रैल से नए नियम लागू हो जाएंगे। जो पुरानी रिटर्न व्यवस्था के स्थान पर लागू होंगे। आईजीएसटी का क्रेडिट भी व्यापारियों को अब पहले आईसीएसटी से एडजस्ट करना पड़ेगा। बाद में वह उसे आईजीएसटी और एसजीएसटी से एडजस्ट कर पाएंगे।