हालत यह है कि शहर के अस्पतालों में भर्ती दो दर्जन मरीजों की स्थिति गंभीर बनी हुई है। राजधानी के अलग-अलग अस्पतालों में स्वाइन फ्लू के 31 पॉजिटिव मरीज भर्ती हैं इनमें से 22 मरीज निजी अस्पतालों में और नौ सरकारी अस्पतालों में भर्ती हैं। राजधानी के जेपी अस्पताल में कई दिन बाद एक मरीज भर्ती हुआ है।
40 फीसदी मरीजों की मौत
जनवरी से अब तक दूसरे जिलों के 55 मरीजों का उपचार भोपाल में हो चुका,इसमें से 22 की मौत हो गई। यानी की 40 फीसदी मौत, हालांकि शहर में यह आंकड़ा कम है। शहर में मरीजों की 145 है वहीं मृतकों की संख्या 19 है।
यह रखें सावधानी : रात में ठंडी चीजें खाने व ठंडा पानी पीने से बचें हाथ मिलाने से परहेज करें। नाक-मुंह में कपड़ा बांधकर जाएं। मुंह व नाक में हाथ न लगाएं। सर्दी-जुकाम, गले में दर्द, तेज बुखार, खांसी व कफ निकलना व सांस लेने में तकलीफ हो तो डॉक्टर को दिखाएं।
स्वाइन फ्लू भी आम फ्लू की तरह है। हाई रिस्क मरीजों को जरूर सतर्क रहने की जरूरत है। सर्दी-जुकाम होने पर इलाज में देरी नहीं करना चाहिए।
डॉ. एनयू खान, सीएमएचओ, भोपाल