भोपाल। आप भी हर साल हज यात्रा की प्लानिंग करते हैं, लेकिन लंबी लिस्ट के कारण आपका नंबर ही नहीं आ रहा, तो 2018 में आप हज यात्रा पर जरूर जाएंगे। क्योंकि अब हवाई जहाज के साथ ही आपको समुद्री जहाज से भी हज यात्रा पर जाने का मौका मिलेगा।
आपको बता दें कि पिछले साल करीब एमपी से 4000 लोगों का कोटा था। यह कोटा 2015 में 3000 था। जो बढ़ते-बढ़ते 2016 में 4000 तक पहुंचा। जबकि भोपाल से हर साल करीब 1000 से 1200 लोग ही हज यात्रा के लिए जा पाते हैं। ये संख्या उन हजारों यात्रियों में से चुनी गई है, जो हज यात्रा के लिए हर साल आवेदन करते हैं, लेकिन निर्धारित कोटे में उनका शामिल होता है, जबकि अन्य आवेदकों को अब अगले साल का इंतजार करना होता है।
कमेटी करेगी समुद्री मार्ग का अध्ययन
हालांकि अभी यह तय नहीं हुआ है कि मुंबई से क्रूज से यात्रियों को ले जाया जाएगा या अलग से जहाजों की व्यवस्था की जाएगी। शासकीय स्तर पर कमेटी गठित की गई है, जो महंगी हवाई यात्रा के विकल्प के रूप में समुद्री यात्रा के बारे में अध्ययन कर रिपोर्ट पेश करेगी।
जानें कैसे उठी समुद्री जहाज से यात्रा की मांग और कब होगी पूरी
* केंद्रीय पिछड़ा वर्ग व अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने गत दिनों दिल्ली में हज यात्रियों की फ्लाइट रवाना होते समय एक बार फिर समुद्री मार्ग से हज यात्रा शुरू करवाने संबंधी बात कही। इससे पहले भी वे संकेत दे चुके हैं कि जल्द ही हज यात्रा के लिए समुद्री मार्ग की सेवाएं भी शुरू हो जाएंगी।
* उन्होंने कहा कि इस दिशा में काम शुरू कर दिया गया है। ऐसे में निर्धारित कोटे और शेड्यूल की समस्या खत्म होगी और लोग हज यात्रा के लिए हर साल का इंतजार अब लगभग खत्म हो जाएगा।
* अब तक हज यात्रियों का कोटा कम मिलता था, वहीं हवाई यात्रा के देरी से मिलने वाले शेड्यूल भी आवेदकों को परेशान करते थे। ये समस्या अगले साल से नहीं होगी।
* यदि समुद्री जहाज का ये सफर शुरू होता है, तो ऐसे यात्रियों को हज पर जाने का मौका मिलेगा, जो कुरआ में नाम न आने पर दो-तीन साल तक वेटिंग लिस्ट में रह जाते थे।
* आपको बता दें कि वर्ष 1995 में हज यात्रा समुद्री रास्ते से ही की जाती थी, लेकिन जहाजों की गति धीमी होने या अन्य कारणों से समुद्री मार्ग की हज यात्रा सेवा खत्म कर दी गई थी।
* अब क्रूज व तेज गति के जहाजों के चलने पर एक बार फिर से समुद्री मार्ग से यात्रा की शुरुआती योजना तैार कर ली गई है।
ये होंगे फायदे
* मप्र हज कमेटी के अध्यक्ष हाजी इनायत हुसैन कुरैशी कहते हैं कि समुद्री मार्ग से हज यात्रा कम खर्च में की जा सकेगी। हवाई यात्रा के खर्च से ये खर्च बिल्कुल आधा हो जाएगा।
* अभी प्रति यात्री को सब्सिडी मिलने के बावजूद मय हवाई जहाज किराए के करीब दो लाख रुपए तक खर्च वहन करना होता है।
* पानी के जहाजों की गति में तेजी आई है। इसलिए अब तीन से चार दिन में ही जद्दा तक का समुद्री सफर तय किया जा सकता है।
* जबकि पहले यही सफर पहले 10 से 12 दिन तक लगते थे।
* अभी 12 फ्लाइट में चार हजार लोग जाते हैं।
* जबकि समुद्री रास्ते में इतने लोग को एक बार में ही भेजा जा सकेगा।