
भोपाल. शिक्षा व्यवस्था का बुरा हाल है। सत्र 2023-24 को शुरू हुए छह माह से अधिक समय बीत चुके हैं। लेकिन, करीब सरकारी स्कूलों के 40 प्रतिशत बच्चों को पुस्तकें और अन्य पाठ्य सामग्री नहीं मिल पाई हैं। राज्य शिक्षा केंद्र के ट्रेकिंग एप से यह खुलासा हुआ है। उधर, प्रदेश के 68 हजार अतिथि शिक्षकों को तीन माह से वेतन नहीं मिला है। इससे पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है।
पाठ्यपुस्तक निगम का दावा है कि विकासखंड स्तर पर डिपो में 99 प्रतिशत पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध करा दी गयी हंै। 82 प्रतिशत स्कूलों तक पाठ्यसामग्री पहुंच भी गई हैं, लेकिन 60 प्रतिशत विद्यार्थियों को ही यह वितरित की गई। ऐसे में राज्य शिक्षा केंद्र ने अधिकारियों को कहा है कि 31 अक्टूबर तक पुस्तकें वितरित की जाएं।
यहां होती हैं वितरित
सरकारी स्कूलों के अलावा दक्षता उन्नयन, एफएलएन (मूलभूत साक्षरता और संख्या ज्ञान), प्रयास एवं एटग्रेड की साढ़े आठ करोड़ पाठ्य सामग्री बच्चों की दी जाती है। जबकि भोपाल जिले में 52 प्रतिशत विद्यार्थियों को पाठ्यपुस्तकें वितरित की गई है।
कुछ स्कूलों में पाठ्यपुस्तके नहीं पहुंची हैं। ट्रेकिंग से इसका पता चला है। कुछ जगहो ंपर एप पर यह अपडेट नहीं हैं। ३१ अक्टूबर तक अपडेट करने के निर्देश दिए गए हैं।
धनराजू एस, संचालक, राज्य शिक्षा केंद्र
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शिक्षक होंगे बेरोजगार
उधर, प्रदेश के 68 हजार अतिथि शिक्षकों को तीन माह से वेतन नहीं मिला है। अतिथि शिक्षक संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष शंभूचरण दुबे का कहना है स्कूल शिक्षा विभाग नियमित शिक्षकों की पदस्थापना कर रहा है। इससे जिन स्कूलों में अतिथि शिक्षक पदस्थ थे। वे इस माह से बाहर हो जाएंगे। इससे करीब 10 हजार अतिथि शिक्षक बेरोजगार हो जाएंगे।
Published on:
22 Oct 2023 05:51 pm
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