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हरियाणा में 14 राग, 2 वाद्यों और 2 तालों के नाम पर हैं गांव के नाम

भारत भवन में हरियाणा महोत्सव: शास्त्रीय गायक नरेश मल्होत्रा ने हरियाणा के बारे में दी अनूठी जानकारी

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हरियाणा में 14 राग, 2 वाद्यों और 2 तालों के नाम पर हैं गांव के नाम

भोपाल। भारत भवन में चल रहे हरियाणा महोत्सव में शनिवार को कई सांस्कृतिक प्रस्तुतियां हुईं। कार्यक्रम की शुरुआत हरियाणवी आर्केस्ट्रा के साथ हुई। जिसमें गजेंद्र फोगट और साथियों ने लोकगायन और लोकनृत्य की प्रस्तुति दी। उन्होंने मेरा पाछे पाछे आवे.... गीत पर नृत्य के साथ शुरुआत की।

गजेंद्र फोगट ने प्रेम और प्यार निभाने का, जिक्र सुनो हरियाणे का...., राम लक्ष्मण दशरथ के बेटे.... और दीवाने हैं दीवानों को न... से लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। वहीं डांस में धमाल और घूमर जैसे लोकनृत्यों को देखना सभी के लिए अनूठा अनुभव रहा। अंत में सावन का गीत चौघरदेने के... से सभी का दिल जीता।

वरिष्ठ शास्त्रीय गायक नरेश मल्होत्रा ने अपने गायन के शुरुआत में कहा कि हरियाणा के 14 राग, 2 वाद्यों और 2 ताल के नाम पर गांवों के नाम है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में एक किवदंती है कि 17-18वीं शताब्दी में जींद के महाराजा देवराज के दरबार में कोई गायक किसी राग को अच्छा गा देता, तो वे उसके गांव का नाम उस राग पर रख देते थे। हरियाणा महोत्सव की दूसरी सभा में नरेश मल्होत्रा का गायन, प्रसिद्ध हरियाणवी गायक गजेंद्र फोगट व साथियों का लोकगायन व लोकनृत्य और अमरजीत कौर व साथियों की कथक प्रस्तुति हुई।

इस राग पर यह गांव
गांव का नाम राग का नाम
बागनवाला बागेश्री
भैरूखेड़ा भैरव
धिगाना ताल आधारित
गुनकनी गुनकाली
झांजकलां झांझ
ललित खेड़ा ललित
रामकली रामकली
सिंधवीखेड़ा सिंधू
मलार मल्हार
तोड़ी खेड़ी तोड़ी
हमीरगढ़ हमीर
हंसदेहार हंसध्वनि
देशखेड़ा देश
जय जयवंती जय जयवंती
कमाइच खेड़ा कमाइच वाद्य
करेला ताल कहरवा
सुरबरहा सुरबहार
पीलूखेड़ा पीलू

गायन व नृत्य में हरियाणवी रंग
सभा की शुरुआत धमाकेदार हरियाणवी आर्केस्ट्रा के साथ हुई, जिसमें गजेंद्र फोगट और साथियों ने लोकगायन और लोकनृत्य से सुधिजनों को रोमांचित किया। उन्होंने मेरा पाछे पाछे आवे... गीत पर नृत्य के साथ शुरुआत की। इसके बाद गजेंद्र फोगट ने प्रेम और प्यार निभाने का, जिक्र सुनो हरियाणे का..., राम लक्ष्मण दशरथ के बेटे... और दीवाने हैं दीवानों को न... से लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। वहीं नृत्य में धमाल और घूमर जैसे लोकनृत्यों को देखना सभी के लिए अनूठा अनुभव रहा। अंत में सावन का गीत चौघरदेने के... पेश किया।

कई सालों बाद गाई गई राग कलावती
अगली प्रस्तुति अमीर खां के इंदौर घराने के नरेश मल्होत्रा के शास्त्रीय गायन की रही। उन्होंने शुरुआत के लिए शाम के राग यमन कल्याण का चयन करते हुए सीधे बंदिश की ओर रुख किया और विलंबित झुमरा ताल में कजरा कैसे डारूं... बंदिश पेश की। इसके बाद उन्होंने राग कलावती में विलंबित रूपक ताल के साथ ओ बलमां कब घर आवंगे... और इसका दूसरा हिस्सा द्रुत रचना तीन ताल में अन मनी पिया... पेशकर आत्मीय आनंद से भर दिया।

शुद्ध कथक की प्रस्तुति
सभा की अंतिम प्रस्तुति में अमरजीत कौर व साथियों ने कथक नृत्य की प्रस्तुति दी। शुरुआत गणेश वंदना से हुई, जिसके बोल गाईए गणपति जग वंदन... थे। इसके बाद शुद्ध कथक पेश करते हुए बोलों की बंदिशें तीन ताल में पेश की। आगे उन्होंने शिव तांडव पर आधारित कथक पेश किया, जिसके बोल शंकर अति प्रचंड... थे। प्रस्तुति की समाप्ति घनन घनन घन घोर घोर... पर कथक पेश कर की। इसमें सात नृत्यांगनाओं ने कथक किया।

इंडिया के पहले रियलिटी शो का विनर हूं: फोगट
भारत भवन में प्रस्तुति देने आए हरियाणवी गायक-कलाकार गजेंद्र फोगट, जो गुड्डू रंगीला फिल्म में माता का ईमेल और मुक्काबाज फिल्म में मुश्किल है अपना प्रेम प्रिय... जैसे गीतों में अपनी आवाज दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि वे दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले भारत के पहले रियलिटी शो सुपर स्टार के विनर भी रह चुके हैं।

उन्होंने बताया कि माता का ईमेल गाना गाने के लिए मेरा चयन ऑडिशन के बाद हुआ था। मैं परमात्मा को ही अपना उस्ताद मानता हूं, क्योंकि कलाकार का वो ही होता है, कलाकार दुनिया से कटा हुआ होता है। उन्होंने कहा कि मैं बिग बॉस जैसे रियलिटी शो का प्रखर विरोधी हूं, क्योंकि कला एक धारा है और यहां कला को प्लेन्ड किया जाता है।