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सरकारी अस्पताल में आयुष्मान योजना की खुली पोल, हार्ट सर्जरी अटकी

locationभोपालPublished: Apr 20, 2019 10:13:19 am

Submitted by:

KRISHNAKANT SHUKLA

आयुष्मान योजना की खुली पोल : हार्ट सर्जरी अटकी, 75000 का स्टेंट, ‘आयुष्मान’ में सिर्फ 30 हजार, हार्ट सर्जरी अटकी

health scheme

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भोपाल. नि:शुल्क इलाज मुहैया कराने के लिए शुरू की गई आयुष्मान योजना का लाभ मरीजों को नहीं मिल रहा है। हमीदिया अस्पताल में इस योजना के तहत सरकार से पूरा पैसा न मिलने से मरीजों को हार्ट की सर्जरी के लिए परेशान होना पड़ रहा है।
हालात यह हैं कि मरीजों को सर्जरी के लिए एक महीने तक की वेटिंग दी जा रही है। यह स्थिति इसलिए है, क्योंकि सरकार से अस्पताल को मरीज के ऑपरेशन में हुए कुल खर्च का आधा पैसा भी नहीं दिया जा रहा।
मसलन, हमीदिया अस्पताल में हार्ट इम्प्लांट के लिए 72 हजार रुपए का पैकेज है, लेकिन ऑपरेशन के बाद अस्पताल को इसके लिए 30 से 35 हजार रुपए ही रिफंड किए जाते हैं। ऐसे में बाकी की व्यवस्था के लिए अस्पताल को उधार करना पड़ता है। हमीदिया अस्पताल में हर महीने 20 से 25 मरीजों का इम्प्लांट किया जाता है।
हमीदिया अस्पताल में हर महीने 20 से 25 मरीजों को लगाए जाते हैं स्टेंट

लगना है स्टेंट, लेकिन समय का पता नहीं

सीहोर निवासी राजेश महोबिया को हार्ट में स्टेंट लगना है। करीब 10 दिन पहले उन्होंने हमीदिया अस्पताल में दिखाया था। डॉक्टरों ने इम्प्लांट के लिए कहा है, लेकिन उसे एक महीने बाद आने को कहा है। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि जब बजट आएगा, तब ऑपरेशन हो पाएगा। इसी तरह ज्वाइंट रिप्लेसमेंट के लिए करोंद निवासी प्रीतम कुमार भी अस्पताल में भर्ती हैं, लेकिन ऑपरेशन कब होगा उन्हें नहीं पता।
कई कॉलेजों ने बंद किए ऑपरेशन

प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों ने आयुष्मान योजना से हाथ खींच लिए हैं। इंदौर के एमवायएच और सागर मेडिकल कॉलेज भी आयुष्मान योजना में कमियों के चलते ऑपरेशन से मना करने लगे हैं। सागर मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. जीएस पटेल बताते हैं कि सरकार से फंड ना मिलने के चलते अक्सर परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
बजट आया, पर पहले उधारी चुकानी है

हमीदिया प्रबंधन का कहना है कि गड़बड़ नीति के चलते उधार बढ़ता जा रहा है। अस्पताल कंपनी से सामान और दवाएं उधार लेकर ऑपरेशन तो कर देते हैं, लेकिन सरकार पूरा पैसा नहीं देती। ऐसे में अस्पताल पर 75 लाख रुपए का कर्ज हो गया। हालांकि आयुष्मान का बजट तो आ गया है लेकिन पहले इससे उधारी चुकाई जाएगी, फिर जो बचेगा उससे सर्जरी करेंगे।
बजट देरी से मिलता है, वह भी पूरा नहीं। ऐसे में दिक्कत आती है। उधार में इलाज किया जाता है। अब जितना बजट मिला है, इससे उधार चुकाएंगे, इसके बाद सर्जरी की जाएंगी।
डॉ. एके श्रीवास्तव, अधीक्षक, हमीदिया अस्पताल
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