माध्यमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा 2018 के पात्र अभ्यर्थियों की एमपी हाईकोर्ट में याचिकाएं लगी हैं। प्रदेश के अलग-अलग स्थानों से 26 उम्मीदवारों ने याचिका लगाई है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि हमें पात्र घोषित किया गया फिर भी नियुक्ति नहीं दी जा रही। इस पर हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव सहित अन्य अधिकारियों से जवाब मांगा है।
यह भी पढ़ें : Phalodi Satta Bazar – बीजेपी को टेंशन! जानिए एमपी में किसको कितनी सीटें दे रहा फलोदी का सट्टा बाजार माध्यमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा 2018 MP Teacher Recruitment 2018 में पात्र अभ्यर्थियों की याचिकाओं पर कोर्ट ने स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव सहित लोक शिक्षण संचालनालय के आयुक्त, जनजातीय विभाग के आयुक्त और कर्मचारी चयन मंडल के सचिव को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
याचिका में बताया गया कि स्कूल शिक्षा शिक्षक संवर्ग सेवा शर्तें और भर्ती नियम 2018 के अनुसार माध्यमिक शिक्षक के 60,686 पद स्वीकृत किए गए हैं। जनजातीय कार्य विभाग में 43,734 पद स्वीकृत हैं। इस प्रकार कुल एक लाख 4420 पद स्वीकृत हैं। इनमें से पचास प्रतिशत पद सीधी भर्ती के पद हैं। इस तरह 51,743 रिक्त पद हैं लेकिन सिर्फ 17,213 पदों पर भर्ती के परीक्षा आयोजित की गई। इनमें से अभी तक केवल दस हजार अभ्यर्थियों को नियुक्ति आदेश जारी किए गए हैं।
याचिका में यह भी कहा गया है कि शिक्षकों का पद रिक्त होने से छात्रों के शिक्षा प्राप्त करने के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होता है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) 2009 की धारा 26 के अनुसार शिक्षकों के 10 प्रतिशत से ज्यादा पदों को रिक्त रखना संविधान द्वारा प्रदत्त शिक्षा के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है।