
सैकड़ों कॉलोनियों को जोडऩे वाली एक मात्र सडक़ और सर्वधर्म ब्रिज है। निजी शैक्षणिक संस्थाओं और बिल्डरों को लाभ पहुंचाने के लिए दामखेड़ा के पास ५ करोड़ की लागत से नया ब्रिज बनाया गया है, लेकिन सडक़ नहीं होने के कारण ब्रिज का उपयोग नहीं हो रहा है।
भोपाल। शहर की दक्षिण पश्चिम और हुजूर दो विधानसभाएं। दोनों विधानसभाओं का सबसे अहम मार्ग है, कोलार गेस्ट हाउस तिराहा से कोलार तक। लेकिन इसी मार्ग पर कोलार की सैकड़ों कॉलोनियों की आवाजाही है। यह मार्ग आगे तक हुजूर विधानसभा क्षेत्र के करीब 10 छोटे-बड़े गांवों को भी शहर से जोड़ते हुए वीरपुर-कोलार डेम तक पहुंचती है।
इस मार्ग पर चुनाभट्टी चौराहा तक दक्षिण पश्चिम क्षेत्र लगता है। इसके आगे से गोल गांव तक हुजूर विधानसभा फैली हुई हैं। चुनाभट्टी में (दक्षिण पश्चिम) क्षेत्र में मूलभूत समस्याएं मुद्दा नहीं है, लेकिन एक तरफ यहां पहाड़ी (मैनिट वाली पहाड़ी) को बेतरतीब व अवैध तरीके से खोद दिया गया हैं
तो दूसरी तरफ शाहपुरा झील में मिलने वाले नाले मुड़ा मुद्दा है। चुनाभट्टी विकास के मामले में कोलार से कई गुना आगे हैं। पेश है एक ही सडक़ के इर्द-गिर्द की दो विधानसभाओं की बसाहटों के अलग-अलग मुद्दें-
कोलार गेस्ट हाउस से काली माता मंदिर तक....
करीब दो किमी की दूरी हैं। इस मार्ग पर करीब 5500 झुग्गियों वाले दुर्गा नगर में हजारों आबादी निवास करती है। यह पूरा पहाड़ी पर कब्जा हैं। यहां सडक़, पानी, बिजली, नाली आदि की मूलभूत समस्या भी नहीं है।
पहाड़ी के ढलान पर बसे होने के कारण यहां जल भराव या ड्रेनेज की भी समस्या नहीं है। आगे बढऩे पर सडक़ के दोनों तरफ विंडसर स्टेट, गोविंद नारायण सिंह सोसायटी, चिनार वुडलेंड, सिल्वर स्टेट, गार्डन रेसीडेंसी, सीआइ इंक्लेव, चुनाभट्टी गांव, लेक पैलेस, जानकी नगर, स्टरलिंग ग्रीन, ग्लोबस सिटी, दीपक सोसायटी सहित दो दर्जन कॉलोनियां हैं।
दक्षिण पश्चिम विधानसभा के प्रमुख मुद्दे.......
पहाड़ काट देना...
चुनाभट्टी निवासी मुकेश कुमार का कहना है कि इस मार्ग पर सबसे बड़ा मुद्दा हरियाली उजाडऩा हैं। दुर्गा नगर की बसाहट पहाड़ी पर है। पीछे की तरफ पहाड़ काट कर न सिर्फ हरियाली नष्ट की जा रही हैं, बल्कि खुबसूरत पहाड़ की भी अवैध खुदाई कर काटा जा रहा है।
झील में मिलते नाले....
चुनाभट्टी निवासी एसके मिश्रा का कहना है कि चुनाभट्टी के दूसरे तरफ बड़ा मुद्दा शाहपुरा झील के समानांतर बसी कॉलोनियों की झील में मिलने वाले नाले हैं। दक्षिण पश्चिम विधानसभा के ही कई नाले इस झील में समा रहे हैं, लेकिन इस पर किसी ने कभी ध्यान नहीं दिया।
फार्मा व्यवसायी कमलेश वर्मा का कहना है कि इस मार्ग पर अधिकांश आवासीय घरों को व्यवसायिक बना दिया गया है। इसके कारण चुनाभट्टी की शांति खत्म हो गई।
चुनाभट्टी चौराहा से गोल जोड़...
इसकी लंबाई करीब 9 किमी हैं। सर्वधर्म पुल के पास से ही इसकी समस्याओं का अंबार शुरु होता है तो आखिरी छोर तक चलता हैं। इस मार्ग पर गोल गांव तक पिछले पांच साल में करीब 10 बड़ी निजी कॉलोनियों ने आकार लिया हैं, लेकिन सुविधाएं नहीं बड़ी।
सबसे बड़ा मुद्दा तो सर्वधर्म पुल से नयापुरा तक बसीं 200 से अधिक छोटी-बड़ी कॉलोनियों की है। यहां मुख्य मार्ग को छोड़ दिया जाए तो हर कॉलोनी का मार्ग उखड़े हैं। हर कॉलोनी में जल संकट सबसे बड़ा मुद्दा हैं।
हूजूर विधानसभा के प्रमुख मुद्दे.....
कलियासोत नदी की दुर्दशा...
दामखेड़ा निवासी राशिद नूर खान का कहना है कि कलियासोत बांध के 12 गेट से सर्वधर्म पुल होते हुए कोलार क्षेत्र में नदी के एक पाट को कब्जे में कर लिया। इस नदी के पुरे कैचमेंट एरिया में निजी कॉलोनियां बसा दी गई।
जल संकट....
द्वारिका हाइट्स निवासी मनोज त्रिपाठी का कहना है कि यहां की हर कॉलोनी में जल संकट है। गर्मी के दिनों में टैंकर नहीं हो तो कोलार की आबादी को पीने का पानी के लिए तरस जाएंगे।
सडक़ें, पुल ब्रिज....
अंजनी पांडेय का कहना है कि क्षेत्र की सैकड़ों कॉलोनियों को जोडऩे वाली एक मात्र सडक़ और सर्वधर्म ब्रिज है। निजी शैक्षणिक संस्थाओं और बिल्डरों को लाभ पहुंचाने के लिए दामखेड़ा के पास 5 करोड़ की लागत से नया ब्रिज बनाया गया है, लेकिन सडक़ नहीं होने के कारण ब्रिज का उपयोग नहीं हो रहा है।
बेतरतीब बसाहटें, विकास शून्य...
श्रुती त्रिपाठी का कहना है कि कोलार मुख्य मार्ग के आसपास सैकड़ों कॉलोनियां हैं। इसके अलावा आगे राय पिंक सिटी, आइबीडी, तुलीप हाइटस सहित कई कॉलोनियां बस गई। यहां न तो सडक़ों पर ध्यान दिया और न ही विकास पर।
Published on:
01 Nov 2018 09:49 am
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