
एक ऐसा शिवलिंग जहां हिन्दू-मुस्लिम दोनों करते हैं पूजा, जानिए इसकी अनोखी कहानी
भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल अपनी गंगा-जमुनी तहजीब के लिए दुनियाभर में मशहूर है। इस तहजीब को अपनाने वालों की संख्या भी यहां कम नहीं है। यहां हिंदू-मुस्लिम साथ-साथ लगभग तभी तीज-त्योहार मनाते हैं। सावन के इस पवित्र माह में हम आपको गंगा-जमुनी तहजीब की एक और अनोखी बात बताने जा रहे हैं। यहां कलियासोत डैम पर एक ऐसा शिव मंदिर है, जिसमें हिंदू-मुस्लिम मिलकर पूजा करते हैं। आइए जानते हैं इस मंदिर की और भी कई बातें...
चारों ओर से पानी से घिरा है ये मंदिरकलियासोत डैम में एक टापू पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर है। चारों ओर पानी से घिरे मंदिर के पुजारी सुनील हैं। लगभग तीन साल पहले डैम का जल स्तर बढऩे से पुजारी मंदिर तक नहीं पहुंच पा रहे थे। वे डैम किनारे खड़े थे, तभी उनके पास एक नाव चलाने वाला लकवाग्रस्त व्यक्ति आया और पंडित जी से बोला कि मैं आपको मंदिर तक छोड़ देता हूं। तब से यह कार्य उस व्यक्ति की दिनचर्या का अंग बन गया। लकवे की वजह से उसके शरीर का एक भाग निष्क्रिय हो गया था। भगवान भोलेनाथ की कृपा से अब वह पूर्णत: ठीक हो गया है। ऐसा उसका मानना है।
शिव में आस्था, पर धर्म नहीं छोड़ाभगवान शिव की पूरे सावन के महीने पूजा-अर्चना करने वाले आनंद नगर निवासी अख्तर बताते हैं कि उनकी शिव में पूरी आस्था है, पर उन्होंने अपना धर्म नहीं छोड़ा है। मूलत: गुना जिले के रहने वाले अख्तर लकवे का शिकार हो गए थे। आज शिव की भक्ति ने ऐसा असर दिखाया, वो अब पूरी तरह स्वस्थ हैं। अख्तर बताते हैं कि शिव की पूजा करने की सलाह उन्हें एक फकीर बाबा ने दी थी। सलाह को मानते हुए अख्तर ने पांच सोमवार शिव की पूजा-अर्चना की और उसकी जिदंगी बदलने लगी। आज शिव की पूजा करते हुए उन्हें दो साल का वक्त बीत चुका है।
Published on:
28 Jul 2018 08:04 pm
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