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मध्यप्रदेश में हाउसिंग सोसायटियों ने हजारों लोगों को ठगा

— मुख्यमंत्री के माफिया अभियान से जागी उम्मीद- साढ़े तीन माह में आईं चार हजार से अधिक शिकायतें - उन्हें ने तो प्लाट दिया और न ही उनके सदस्यता के नाम पर जमा किए पैसे को वापस किया

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cm kamalnath

Jabalpur. Cabinet meeting in the city is to complete one year. Chief Minister Kamal Nath made 14 important announcements on 16 February 2019

मध्यप्रदेश में सक्रिय भू—माफियाओं ने हजारों लोगों को हाउसिंग सोसायटी का मेंबर बनाकर ठगा है। उन्हें ने तो प्लाट दिया और न ही उनके सदस्यता के नाम पर जमा किए पैसे को वापस किया। सालों तक कॉपरेटिव, कलेक्टर और पुलिस के चक्कर काटने के बाद ठगे लोग हार मानकर घर बैठ गए थे। हाल ही में मुख्यमंत्री कमलनाथ के माफिया अभियान में एक के बाद एक हाउसिंग सोसायटी माफिया के जेल जाने के बाद लोगों में उम्मीद की नई किरण जागी है। अब लोग बिना डरे हिचके अपने प्लाट के लिए सामने आ रहे हैं।

यही वजह है कि पिछले तीन माह के अंदर साढ़े चार हजार शिकायतें सहकारिता विभाग के पास आई हैं। शिकायतों के आधार पर करीब 40 समितियों की जांच शुरू की गई है, जबकि एक दर्जन के खिलाफ एफआईआर करके समितियों को सरकार ने अपने अधीन करने की कार्रवाई भी की है।

सहकारिता विभाग इन समितियों के भूमि खरीदी, सदस्यों की सूची, जमीन खरीदी, प्लाट विक्रय के दस्तावेजों की पड़ताल कर रही है। कई समितियों ने उपलब्ध भूखंड से अधिक सदस्यों को प्लाट आवंटित कर दिए है। समिति के अध्यक्ष और सदस्यों ने फर्जी तरीके से अपने रिश्तेदारों को भी सदस्य बना दिया और उनक नाम पर प्लाट भी आवंटित कर रजिस्ट्री करा दी।

इंदौर जिले में गृह निर्माण समितियों ने सबसे ज्यादा गड़बड़झाला किया है। यहां आईं 3 हजार से अधिक शिकायतों में से अभी तक एक का भी निराकण नहीं हो पाया है। सभी में जांच चल रही है। जबकि भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, सागर और उज्जैन जिले में गृह निर्माण समितियों की 50 फीसदी जांच पूरी हो गई है, यहां समितियों की जांच और शिकायतों का निराकरण एक माह के अंदर पूरा हो सकेगा।

प्लाट नहीं देने होगी एफआईआर

सहकारिता विभाग के अधिकारियों ने समिति अध्यक्षों सदस्यों से साफ तौर पर कहा है कि जिन सदस्यों से प्लाट देने के नाम पर पैसे लिए गए हैं, उन्हें प्लाट की रजिस्ट्री कराएं, वर्ना एफएआईआर होगी। अधिकारियों के बंद कमरे में समिति अध्यक्ष और शिकायतकर्ताओं के बीच बात-चीत कराई जा रही है। कुछ ऐसे समितियां हैं, जिनके पास प्लाट नहीं हैं उन्होंने दूसरी समिति अथवा शहर की अन्य कालोनियों में प्लाट देने का भी वादा किया है।
भोपाल में सबसे ज्यादा एफआईआर

समितियों के खिलाफ प्रदेश में अब तक 27 एफआईआर दर्ज कराई गई हैं। भोपाल में सबसे ज्यादा 15 समिति अध्यक्षों और सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई हैं। जबकि इंदौर में इसकी संख्या 7 , ग्वालियर में तीन और देवास जिले में दो है। कई जिलों में समितियों के फर्जीवाड़े की जांच चल रही है, दोषी समितियों के खिलाफ सहकारिता अफसर खुद एफआईआर दर्ज करा रहा है।