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18 हजार परिवारों के लिए सुकून भरी खबर, ईदगाह की जमीन पर जल्द मिलेगा मालिकाना हक

- पिछले तीन माह से चल रहा था सर्वे, मंगलवार को रिपोर्ट शासन को भेजी

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जमीनों की 'कुण्डली' पर कुण्डली मार बैठा राजस्व विभाग

जमीनों की 'कुण्डली' पर कुण्डली मार बैठा राजस्व विभाग

भोपाल। ईदगाह की जमीन पर वर्षों से काबिज लोगों को मालिकाना हक देने के लिए पिछले तीन माह से चले सर्वे के बाद मंगलवार को रिपोर्ट शासन के पास भेज दी है। कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने बताया कि रिपोर्ट में किन लोगों के पास वैद्य दस्तावेज हैं, कितनों के पास पुराने इनायतनामे और हिबानामे हैं इसकी विस्तृत रिपोर्ट शासन को भेजी गई है। जो निर्देश शासन से मिलेंगे उस पर काम शुरू कर दिया जाएगा।

ईदगाह की जमीन आज भी सरकारी दस्तावेजों में ईदगाह ड्योढी के नाम पर दर्ज है। यहां टीबी अस्पताल, प्रधानमंत्री आवास को भी जमीन दी गई है। कुल सात विभागों को जमीन अलॉट है, बाकी में रहवासी एरिया है। ईदगाह की कुल जमीन 600 एकड़ है। यहां रह रहे लोगो के पास मालिकाना हक संबंधी दस्तावेजों में रजिस्ट्री, नामांतरण, हिबानामा, दानपत्र सहित अन्य दस्तावेज हैं।

कैंप लगाकर ही यहां 475 लोगों के प्रॉपर्टी संबंधी दस्तावेज लिए गए हैं। इसके अलावा बैरागढ़ सर्किल के अधिकारियों ने घर-घर जाकर सर्वे कर दस्तावेज लिए हैं। यहां 20 हजार से ज्यादा प्रॉपर्टी हैं, जिनमें 18 हजार परिवार रहते हैं। करीब तीन हजार पर वैद्य दस्तावेज मिले हैं। इसके अलावा भी बड़ी संख्या में लोगों ने दस्तावेज दिए हैं।

रिपोर्ट में इनकी सूची अलग बनाई हैशासन के पास भेजी गई रिपोर्ट में उन मकानों की अलग से सूची बनाई है जो आधे ईदगाह की जमीन और आधी इससे सटी दूसरी कॉलोनियों की जमीन पर बने हैं। ऐसे आवासों की संख्या 350 से ज्यादा बताई जा रही है। इन मकानों के लिए अलग से गूगल मैपिंग कर इनका एरिया मापा गया है।

2001 में सरकारी घोषित की जा चुकी है जमीन

वर्ष-2001 में तत्कालीन कलेक्टर ने इस जमीन को सरकारी घोषित कर दिया था। इसके बाद यहां लोगों को परेशानी होने लगी। लोग न तो प्रॉपर्टी बेच पा रहे हैं और न ही प्रॉपर्टी पर लोन ले पाते हैं। इस समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए सरकार ने यहां रहने वाले परिवारों को जमीन का मालिकाना हक देने के लिए सर्वे कराया है।