विधानसभा का फोकस नए विधायकों पर अधिक है। इस बार ९० विधायक पहली बार चुनकर विधानसभा तक पहुंचे हैं। विधानसभा की कार्यवाही सुचारू रूप से चलने के लिए जरूरी है कि विधायकों को सदन के कार्य संचालन की नियमों की जानकारी हो। इसलिए विधानसभा सचिवालय ने विधानसभा सत्र शुरू होने के पहले विधायकों को नियमों के बारे में बता दिया है। विधायकों से कहा गया है कि जब स्पीकर की अनुमति के बगैर सदन में न बोलें, यदि वह बोलने की अनुमति दे तो ही सदन में बोलना है। यदि कोई विधायक सदन में अपनी बात कह रहा हो तो टोका-टाकी नहीं करना चाहिए, यदि कोई दूसरा विधायक औचतय का प्रश्न खड़ा करे तो बोलने वाले सदस्य को अपने स्थान पर बैठ जाना चाहिए। सवाल खड़े करने वाले सदस्य को अपनी बात कहने का मौका दें।
सदन में बाधा उत्पन्न करने की अनुमति नहीं – बैठक के दौरान कोई भी विधायक एेसी पुस्तक, समाचार पत्र या पत्र नहीं पढ़ेगा जिसका बैठक से कोई संबंध न हो। कोई विधायक अपनी बात कह रहा हो तो अन्य विधायक बाधा उत्पन्न नहीं करेगा। जब कोई सदस्य बोल रहा हो तो कोई भी उसके सामने से नहीं गुजरेगा। स्पीकर संबोधित कर रहे हों तो कोई भी सदस्य बाहर नहीं जाएगा। सदन की किसी भी दीर्घा में जब कोई अजनबी प्रवेश करे तो प्रशंसा नहीं करेगा। भाषण देते समय दीर्घाओं में बैठे हुए लोगों के प्रति कोई निर्देश नहीं करेगा।
आपस में चर्चा की अनुमति नहीं –
विधायकों से स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि सदन में अपनी बात कहते हुए वह आसंदी को सम्बोधित करते हुए बात कहेगा। आपस में बात करने की अनुमति नहीं होगी। जब भी बोलना हो अपने स्थान से ही अपनी बात कहेगा। जब अन्य सदस्य बोल रहे हों तो वह शांत रहेगा। सदस्य को अपनी बात कहने की अनुमति है लेकिन किसी पर आरोप लगाने की अनुमति नहीं है। कोई भी बात बिना प्रमाण के न कहे।
—— विधानसभा में यह है स्थिति –
विधायकों की संख्या २३० पहली बार के विधायक ९०
कांग्रेस विधायक – ११४ (५५ पहली बार) भाजपा विधायक – १०९ (२९ पहली बार)
सपा विधायक – १ ( पहली बार)
बसपा विधायक – २ (पहली बार)
निर्दलीय – ४ (३ पहली बार)