
Bhopal
भोपाल. यदि किसी को सोमवार या शुक्रवार के अलावा किसी अन्य दिन ब्रेन हेमरेज हुआ हो तो एम्स में इलाज नहीं मिलेगा। क्योंकि, अन्य दिनों में नए मरीजों के पर्चे ही नहीं बनाए जाते। स्त्री रोग विभाग भी बुधवार और शनिवार को बंद रहता है। एेसे में दूरदराज से आने वाले मरीजों को परेशानी हो रही है। वे एम्स में इलाज की आस लिए भोपाल पहुंच जाते हैं, लेकिन ओपीडी का पर्चा नहीं बनने के कारण उन्हें या तो हमीदिया जाना पड़ता है या किसी निजी अस्पताल की शरण लेना पड़ रही है। तीन साल में भी विशेषज्ञ डॉक्टरों की भर्ती नहीं हो पाने के कारण यह स्थिति बन रही है। राजधानी में 900 करोड़ की लागत से बन रहे एम्स में मरीजों को तीन साल बाद भी इलाज नहीं मिल पा रहा है। अभी तक आइपीडी तो ठीक तरह से शुरू नहीं हो पाई, लेकिन पहले से चल रही ओपीडी में भी मरीजों को डॉक्टर्स से मिलने के लिए दो से तीन दिन का इंतजार करना पड़ रहा है।
प्रदेश के कई जिलों से लोग यहां इलाज की आस में आ रहे हैं लेकिन उन्हें ओपीडी में दिखाने के लिए ही कई बार चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। डॉक्टरों की कमी के कारण विभिन्न विभागों की ओपीडी के लिए केवल दो दिन ही नए मरीजों के पर्चे बनाकर टोकन दिए जाते हैं। शेष दिन या तो ओपीडी नहीं रहती है या पुराने मरीज देखे जाते हैं। नए पर्चे नहीं बनाए जाने के कारण नए मरीज डॉक्टर से नहीं मिल सकते हैं। कई विभागों में केवल एक डॉक्टर ही ओपीडी में बैठने के कारण टोकन की संख्या भी 20 से 30 तक सीमित है। इससे ज्यादा मरीजों के पर्चे नहीं बनाए जाते हैं। एम्स के प्रभारी डायरेक्टर डॉ नितिन नागरकर के अनुसार डॉक्टरों की कमी के कारण सीमित ओपीडी चल रही है। जब भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला जाता है तो लोग कोर्ट चले जाते हैं। इसलिए विशेषज्ञ नहीं आ पा रहे हैं। भर्ती प्रक्रिया जारी है। कुछ कंसल्टेंट आ भी गए हैं। विशेषज्ञ भी जल्द आ जाएंगेे।
अभी यह है स्थिति
जनरल मेडिसिन के नए मरीज केवल सोमवार और शनिवार को देखे जाते हैं।
न्यूरोलोजी विभाग के नए पर्चे सिर्फ सोमवार और शुक्रवार को बनते हैं। टोकन संख्या सिर्फ 30।
हड्डी रोग विभाग के नए पर्चे सिर्फ मंगलवार और गुरुवार को बनते हैं। इसके अलावा अन्य दिनों में इस विभाग में नए मरीजों को इलाज नहीं मिलता।
जनरल सर्जरी के नए पर्चे सोमवार और बुधवार को बनते हैं। यह भी 50 से अधिक नहीं बनते हैं।
नाक, कान, गला विभाग के नए पर्चे केवल सोमवार, मंगलवार और गुरूवार को बनाए जा रहे हैं।
स्किन वाले नए पर्चे सोमवार से शुक्रवार तक बन रहे हैं। इनकी संख्या भी सिर्फ 50 सीमित है।
स्त्री रोग विभाग में बुधवार और शनिवार को मरीज नहीं देखे जाते।
Published on:
12 Jan 2017 02:05 am
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