
illegal colony
MP News: एमपी के भोपाल शहर में अवैध कॉलोनियों का विकास रोकने के लिए अब पहले से सख्त प्रावधान किए जा रहे हैं। अवैध कॉलोनियां विकसित करने वालों को नगरीय निकाय नोटिस देगा। जवाब आने के बाद परीक्षण किया जाएगा। यदि कॉलोनी अवैध पाई जाती है तो 15 दिन के अंदर जमीन को मूल स्वरूप में लाने का नोटिस दिया जाएगा। यदि कॉलोनाइजर ऐसा नहीं करता है तो नगरीय निकाय उसकी अवैध कॉलोनी को ढहाने के साथ ही जमीन पर कब्जा भी कर लेगा।
इसके बाद निकाय वहां विकास कार्य कराएगा। अवैध कॉलोनियों का विकास रोकने जिला कलेक्टर एक टास्क फोर्स बनाएंगे। यह हर सप्ताह क्षेत्र का निरीक्षण कर रिपोर्ट देगा। दरअसल, गए नियमों के ड्राट में संशोधन कर नए प्रावधान जोड़े गए हैं। ड्राट को नगरीय विकास एवं आवास संचालनालय ने शासन को भेज दिया है।
नगर तथा ग्राम निवेश से भूमि विकास की अनुज्ञा, नक्शे का अनुमोदन जरूरी है। सक्षम प्राधिकारी से कॉलोनाइजर का पंजीयन, नक्शे के अनुसार सक्षम प्राधिकारी से विकास कार्य की अनुज्ञा प्राप्त करनाअनिवार्य है। यह नहीं होने पर कॉलोनी अवैध मानी जाती है।
ड्राट शासन स्तर पर विचार होकर यह सचिव स्तरीय समिति के पास जाएगा। वहां से मंजूरी मिलने के बाद कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। नगरीय विकास के अपर आयुक्त परीक्षित झाड़े के अनुसार शासन स्तर पर विचार के दौरान भी ड्राट में कुछ और संशोधन हो सकते हैं। अवैध कॉलोनियों से निपटने वर्तमान में लागू नियमों में अधिकतम 7 साल तक की सजा का प्रावधान है, लेकिन प्रदेश में किसी भी अवैध कॉलोनी विकसित करने वाले को 3 साल की भी सजा नहीं हुई।
नियम यह है कि नगरीय निकाय को अवैध कॉलोनी चिह्नित कर पुलिस में केस दर्ज कराना है। पुलिस जांच कर कोर्ट में चालान पेश करेगी। कोर्ट फैसला सुनाएगी, लेकिन प्रारंभिक स्तर से ही पहल नहीं होती। अवैध निर्माण भले गिरा दिए जाएं, लेकिन केस दर्ज नहीं कराया जाता। इससे अवैध कॉलोनियां बनाने वालों के हौसले बुलंद हैं।
Updated on:
06 May 2025 10:10 am
Published on:
06 May 2025 10:09 am
बड़ी खबरें
View Allभोपाल
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
