21 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

‘अवैध कॉलोनी’ पर बड़ा एक्शन, 15 दिन का समय…फिर चलेगा बुलडोजर

MP News: यदि कॉलोनी अवैध पाई जाती है तो 15 दिन के अंदर जमीन को मूल स्वरूप में लाने का नोटिस दिया जाएगा। यदि कॉलोनाइजर ऐसा नहीं करता है तो नगरीय निकाय उसकी अवैध कॉलोनी को ढहाने के साथ ही जमीन पर कब्जा भी कर लेगा।

2 min read
Google source verification
illegal colony

illegal colony

MP News: एमपी के भोपाल शहर में अवैध कॉलोनियों का विकास रोकने के लिए अब पहले से सख्त प्रावधान किए जा रहे हैं। अवैध कॉलोनियां विकसित करने वालों को नगरीय निकाय नोटिस देगा। जवाब आने के बाद परीक्षण किया जाएगा। यदि कॉलोनी अवैध पाई जाती है तो 15 दिन के अंदर जमीन को मूल स्वरूप में लाने का नोटिस दिया जाएगा। यदि कॉलोनाइजर ऐसा नहीं करता है तो नगरीय निकाय उसकी अवैध कॉलोनी को ढहाने के साथ ही जमीन पर कब्जा भी कर लेगा।

इसके बाद निकाय वहां विकास कार्य कराएगा। अवैध कॉलोनियों का विकास रोकने जिला कलेक्टर एक टास्क फोर्स बनाएंगे। यह हर सप्ताह क्षेत्र का निरीक्षण कर रिपोर्ट देगा। दरअसल, गए नियमों के ड्राट में संशोधन कर नए प्रावधान जोड़े गए हैं। ड्राट को नगरीय विकास एवं आवास संचालनालय ने शासन को भेज दिया है।

50 लाख तक जुर्माना, 10 साल सजा

  • अभी अवैध कॉलोनियां बनाने वालों को न्यूनतम 3 साल और अधिकतम 10 साल कारावास की सजा का प्रावधान है। नए नियमों में इसे बढ़ाकर न्यूनतम 7 साल और अधिकतम 10 साल की सजा किया गया है।
  • अवैध कॉलोनियां बनाने वालों पर जुर्माना अधिकतम 10 लाख रुपए तक ही है। इसे बढ़ाकर 50 लाख किया जा रहा है।
  • अवैध कॉलोनियों के खिलाफ हर कार्रवाई के लिए समय सीमा तय की जा रही है। यदि संबंधित अधिकारी कार्रवाई नहीं करते तो शासन उनके खिलाफ कार्रवाई करेगा।
  • पार्षद को सूचना और कार्रवाई कराने अधिकृत किया जाएगा।
  • वैध कॉलोनियों की अनुमतियां आसान बनाने उनकी भी समय सीमा तय की जा रही है।

इन्हें माना जाता है अवैध कॉलोनी

नगर तथा ग्राम निवेश से भूमि विकास की अनुज्ञा, नक्शे का अनुमोदन जरूरी है। सक्षम प्राधिकारी से कॉलोनाइजर का पंजीयन, नक्शे के अनुसार सक्षम प्राधिकारी से विकास कार्य की अनुज्ञा प्राप्त करनाअनिवार्य है। यह नहीं होने पर कॉलोनी अवैध मानी जाती है।

ये भी पढ़ें:पुलिस मुख्यालय में नहीं दिखेंगी फाइलें, DGP के आदेश के बाद बदला नियम

इसलिए बढ़ रहे हौसले

ड्राट शासन स्तर पर विचार होकर यह सचिव स्तरीय समिति के पास जाएगा। वहां से मंजूरी मिलने के बाद कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। नगरीय विकास के अपर आयुक्त परीक्षित झाड़े के अनुसार शासन स्तर पर विचार के दौरान भी ड्राट में कुछ और संशोधन हो सकते हैं। अवैध कॉलोनियों से निपटने वर्तमान में लागू नियमों में अधिकतम 7 साल तक की सजा का प्रावधान है, लेकिन प्रदेश में किसी भी अवैध कॉलोनी विकसित करने वाले को 3 साल की भी सजा नहीं हुई।

नियम यह है कि नगरीय निकाय को अवैध कॉलोनी चिह्नित कर पुलिस में केस दर्ज कराना है। पुलिस जांच कर कोर्ट में चालान पेश करेगी। कोर्ट फैसला सुनाएगी, लेकिन प्रारंभिक स्तर से ही पहल नहीं होती। अवैध निर्माण भले गिरा दिए जाएं, लेकिन केस दर्ज नहीं कराया जाता। इससे अवैध कॉलोनियां बनाने वालों के हौसले बुलंद हैं।