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निशातपुरा से करोंद चौराहे तक सडक़ पर अवैध पार्किंग आवागमन में बड़ी दिक्कत

भोपाल. निशातपुरा से लेकर करोद चौराहे तक बनी 80 फीट सडक़ का विकास तो सभी बसों के निकासी से हिसाब से किया गया,लेकिन हाल यह है कि सडक़ों पर दुकानें व वाहनों की पार्किंग से यहां शाम के समय ऑटो निकलना भी मुश्किल हो जाता है।

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निशातपुरा से करोंद चौराहे तक सडक़ पर अवैध पार्किंग आवागमन में बड़ी दिक्कत

निशातपुरा से करोंद चौराहे तक सडक़ पर अवैध पार्किंग आवागमन में बड़ी दिक्कत

-निशातपुरा फाटक पर बन रहे आरओबी के नीचे पार्किंग विकसित करने की योजना भी फेल।
यूं तो निशातपुरा ओवर ब्रिज के नीचे की खाली जगह पर पीडब्ल्यूडी ने वाहनों की पार्किंग के हिसाब से विकसित की थी। इससे एक किलोमीटर लम्बी इस फोर लेन सडक़ पर खड़े होने वाले दुकानदारों की वाहन भी पार्क हो जाते है,लेकिन ब्रिज के नीचे होते कब्जे को देखते हुए नीचे से हिस्से में जिस तरह से प्लेटफार्म बनाए गए है। सूत्रों ने बताया कि ब्रिज के नीचे दुकानें लगाने की योजना चल रही है।
उल्लेखनीय है कि पुराने शहर में ग्राहकों से खचाखच भरे रहने वाले बाजारों जैसी स्थिति आज करोंद क्षेत्र की हैं। जहां 80 फीट चौड़े हाइवे सडक़ पर बाजार भरे रहने के चलते जाम रहता है। इसी मार्ग पर डीआईजी चौराहे के पास आरिफ नगर बस स्टैंड बन रहा है। जिसमें दो बस स्टैंड विदिशा मार्ग के लिए नादरा बस स्टैंड और बैरसियां मार्ग के लिए पुतलीघर बस स्टैंड को शिफ्ट किया जाना है। इसी उद्देश्य से शासन ने करीब 25 करोड़ रुपए की लगात से निशातपुरा ब्रिज बनाया है। इसके साथ ही ब्रिज से करोद चौराहे तक एक किलोमीटर लम्बी फोरलेन सडक़ भी विकसित की है,लेकिन जाम से निजात दिलाने के इंतेजाम अब भी नहीं किए जा रहे हैं। ब्रिज के नीचे के हिस्से में पार्किंग पाइंट बनाने की योजना भी फेल होती नजर आ रही है।

-अतिक्रमण और पार्किंग का नहीं निकाला विकल्प
आरिफ नगर में शिफ्ट होने वाले बस स्टैंड से बैरसियां जाने वाली बसें निशातपुरा ब्रिज से करोद होते हुए निकलना है। सडक़ के दोनों ओर अतिक्रमण ओर वाहनों की पार्किंग का विकल्प नहीं निकाला जा रहा है। मुख्य सडक़ पर ही लोग वाहन पार्क कर रहे हैं। शाम से समय इसके डिवाइडर तक पर दुकानें लगाकर लोग बैठ जाते है। जिम्मेदारों की माने तो अतिक्रमण हटाने की पूरी योजना बनाई गई है।
-खुलती जा रही दुकानें
यहां पीपल चौराहे से करोद तक ही पहले मार्केट सघन था,लेकिन फोरलेन बनने से ब्रिज के दोनों फुटपाथ से लगी खाली जमीन पर भी दुकानें खुलती जा रही हैं। इधर ब्रिज के नीचे लोडिंग वाहनों के साथ ठेले वालों के कब्जे होने लगे हैं। जबकि अभी बैरसियां मार्ग का बस स्टैंड ब्रिज के पास आरिफ नगर में शिफ्ट नहीं हुआ है।

इनका कहना
अभी सडक़ निर्माण के दौरान अतिक्रमण हटाने के साथ दुकानें व ठेले वालों को यहां से सीमा के अंदर किया था। जरुरत लगी तो स्थाई रूप से दुकानों के खुलने की सीमा निर्धारित की जाएगी। ब्रिज के नीचे के हिस्से में भी लोग कब्जे कर रहे थे। उसे रोकने के लिए प्लेटफार्म बनाएं गए है।
-राम रतन लोहिया, एएचओ, नगर निगम
-बस स्टैंड की शिफ्टिंग चुनाव के बाद कभी भी हो सकती है। इसे लेकर बस ऑपरेटरों से सहमति भी बन चुकी है। करोद मार्ग से बसों के संचालन में अतिक्रमण बड़ी दिक्कत के रूप में सामने आएगा। इसके समाधान के लिए बसों का संचालन इस मार्ग पर वन-वे के रूप में भी हो सकता है।
गौरव प्रजापति, सब इंजीनियर, नगर निगम
ब्रिज के नीचे दुकानों का अतिक्रमण नहीं हो सके और जाम से लोगों को राहत मिले। इसके लिए ब्रिज के नीचे के हिस्सों को पार्किंग विकसित करने का प्लान तो है,लेकिन इसका फै सला प्रशासन को करना है। ब्रिज के नीचे प्लेटफार्म जगह को सुरक्षित करने के लिए बनाए गए हैं।
-जावेद शकील, ईई, पीडब्ल्यूडी