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कैसे हो अच्छी बारिश, कैसे कम रहे तापमान, छोटे समझकर बिना अनुमति काट डाले 1000 पेड़

locationभोपालPublished: Apr 01, 2019 07:57:09 am

हरियाली पर प्रहार- नगर निगम की उद्यान शाखा और सीपीए की फॉरेस्ट विंग की इंटरनल रिपोर्ट में तथ्य उभरा

पेड़

ढाई हजार पेड़ कटेंगे तब बनेगा बायपास, किसानों को मुआवजा मिलने के बाद होगा काम शुरू

देवेंद्र शर्मा, भोपाल. राजधानी से बारिश लगातार मुंह चुरा रही है। इस साल भी स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं बताई जा रही। शहर का औसत तापमान लगातार बढ़ रहा है और मार्च में ४० डिग्री से पार निकलने की फिराक में है। लोग हैरान हैं कि झीलों की नगरी का तमगा, देश की हरे भरे शहरों में शुमार भोपाल के मौसम का मिजाज कैसे बदल रहा?
इस सवाल का जवाब नगर निगम की उद्यान शाखा और सीपीए की फॉरेस्ट विंग के संयुक्त सर्वे ने ही दे दिया। शहर में अमृत प्रोजेक्ट के तहत बिछाई जा रही पानी की लाइन, स्मार्टसिटी के प्लेस मेकिंग प्रोजेक्ट और स्मार्टसिटी के ही स्मार्टपोल की केबल बिछाने के प्रोजेक्ट्स में बिना अनुमति १००० छोटे पेड़ काट दिए गए।
तीन से चार साल की उम्र के इन पेड़ों को हटाने किसी तरह की अनुमति भी नहीं ली गई। जाहिर है कम बारिश और बढ़ती गर्मी के पीछे की बड़ी वजहों में हरियाली पर इस तरह के लगातार हमले भी एक बड़ा कारण हैं। गौरतलब है कि करीब एक माह पहले तत्कालीन उपायुक्त उद्यान बीडी भूमरकर की टीम ने इस सर्वे का काम किया था। भूमरकर का कहना है कि बारिश के पहले इस तरह की रूटीन एक्सरसाइज की जाती है।
यहां खत्म कर दी हरियाली

– मनीषा मार्केट से देवी अहिल्या की प्रतिमा लगी चौराहा की ओर बायीं तरफ आपको स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। यहां अमृत प्रोजेक्ट के तहत बड़ी लाइन बिछाई है। सीपीए की इस रोड की बायीं ओर चार से पांच साल पुराने पेड़ खड़े थे। ये सडक़ पर छाया करते थे। जहां तक लाइन के लिए खुदाई की पेड़ भी जेसीबी से उखाड़ दिए। आधे भाग में काम बाकी है वहां पर अभी पेड़ पहले की तरह खड़े हैं।
– दानिश चौराहा से जेके हॉस्पिटल की ओर जा रहे रास्ते के किनारे बड़ी लाइन डाली गई है। यहां दो साल से पांच साल तक के दर्जनों पेड़-पौधे थे। लाइन की खुदाई के दौरान इन्हें घास के तिनकों की तरह उखाड़ दिया। खुदाई वाले स्थान के दोनों और अब भी खड़े हरे-भरे बड़े पेड़ इसकी तस्दीक करते हैं।
– लिंक रोड सुभाष स्कूल से नूतन कॉलेज के सामने की लाइन पर स्मार्टसिटी के प्लेस मेकिंग प्रोजेक्ट में करीब ३०० मीटर तक के स्थान पर पूरे पेड़-पौधे हटा दिए। ३०० मीटर लंबे और करीब २५ से ३० मीटर चौड़े इस पैच में करीब ४०० छोटे पेड़ पौधे काट दिए गए। इनकी जगह पर अब आर्टिफिशियल घास और पेड़-पौधे लगाए गए।
नोट- ये कुछ उदाहरण है। शहर भर में एेसे ही हरियाली खत्म की गई।
बीते सालों में एेसे खत्म की हरियाली

– मिसरोद से बैरागढ़ सीहोर नाके के बीच २००८ से २०११ के बीच करीब ४००० पेड़ काटे गए।

– अरेरा हिल्स पर शौर्य स्मारक निर्माण के लिए २०१०-११ में नए पांच साल की उम्र के ६००० पेड़ काटे।
– नर्मदा प्रोजेक्ट की लाइन के लिए होशंगाबाद रोड से अरेरा हिल्स मंत्रालय के बीच १२०० पेड़ काटे गए।
– लिंक रोड नंबर एक किनारे तीन बड़े भवन छोटे झाड के जंगल की जमीन पर निर्मित।
– टीटी नगर में स्मार्टसिटी एरिया बेस्ड डेवलपमेंट प्रोजेक्ट में २५०० पेड़ काट दिए।

नोट- श्यामला हिल्स स्मार्टरोड, श्यामला हिल्स पर आवासीय कॉलोनियों, कलियासोत क्षेत्र में सडक़ निर्माण समेत तमाम प्रोजेक्ट के लिए हरियाली खत्म की गई।
प्लेस मैकिंग और स्मार्टसिटी प्रोजेक्ट में पहले से ही तय किया था कि पेड़ कटेंगे। हमने स्पष्ट कर दिया था कि पाइप लाइन व अन्य खुदाई के लिए बेवजह पेड़ न काटे। अमृत प्रोजेक्ट या कोलार लाइन की राह में छोटे कुछ पौधे हटाए हैं।
– बी विजय दत्ता, निगमायुक्त

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