16 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

रेलवे स्‍टेशन बोर्ड पर क्‍यों लिखी जाती है समुद्र तल की ऊंचाई, 90 फीसदी लोगों को नहीं मालूम

रेलवे स्‍टेशन बोर्ड पर क्‍यों लिखी जाती है समुद्र तल की ऊंचाई, 90 फीसदी लोगों को नहीं मालूम

3 min read
Google source verification
station board

रेलवे स्‍टेशन बोर्ड पर क्‍यों लिखी जाती है समुद्र तल की ऊंचाई, 90 फीसदी लोगों को नहीं मालूम

भोपालः क्या आपने कभी अंदाजा़ लगाया है कि, रेलवे स्टेशन के मुख्य बोर्ड पर समुद्र तल की ऊंचाई क्यों लिखी होती है, आखिर इसका कारण क्या है? देश की बड़ी आबादी को इसके पीछे का कारण नहीं पता। हमारी नज़रों के सामने अकसर ऐसी कई चीजें आती हैं, जिससे जुड़े कुछ भी सवाल हमारे दिमाग में आते है, लेकिन इसका जवाब कोन दे, सोचकर हम उसका जवाब कोने दे, इस बात को सोचकर हम उस बात को बीच में ही छोड़ देते हैं। जो लोग रेल यात्रा करते रहते हैं, उनके दिमाग में भी रेलवे से जुड़ा यह सवाल ज़रूर आया होगा। तो आइये जानते हैं रेलवे स्टेशन पर लगे शहर के मुख्य बोर्ड पर लिखी समुंद्र तल की ऊंचाई के कारण के बारे में...।

औसत ऊंचाई नापी जाती है

आपने भी कभी रेल यात्रा की होगी, इस दौरान आपकी नज़र ज़रूर रेलवे स्टेशन के बोर्ड, जिसपर शहर का नाम लिखा होता है, पर ज़रूर पड़ी होगी। नाम के नीचे समुंद्र तल की ऊंचाई भी लिखी होती है। आज हम आपको इसी के पीछे का रोचक कारण बताने जा रहे हैं। सबसे पहले तो आप ये जान लें की समुद्र तल यानि की समुद्र के जल के उपरी सतह की औसत ऊंचाई का मान होता है। इसकी गणना ज्वार-भाटे के कारण की जाने वाली समुद्री सतह के उतार चढ़ाव का लंबे समय तक ध्‍यान में रखकर उसका औसत निकाल कर की जाती है। इसका इस्तेमाल धर्ती के तल पर स्थित बिंदुओं की ऊंचाई मापने के लिये किया जाता है।

किया जाता है रेल का नियंत्रण

सभी को पता है कि, धर्ती गोलाकार है। इसी के चलते दुनिया की एक सामान ऊंचाई का अंदाजा लगाने के लिए शोधकर्ताओं ने यह तरीका खोजा है। इसके लिए एक पॉइंट की जरुरत होती है, जो एक समान रहे। इसके लिए समुद्र से बढ़िया विकल्प कोई और नहीं है। क्योंकि, समुंद्र का पानी हमेशा एक सामान रहता है। अब आप सोच रहे होंगे की, इसे रेलवे स्‍टेशन के बोर्ड पर लिखने का क्‍या उद्देश्य है, तो अापको बता दें की ये ऊंचाई रेल ऑपरेटर के लिए और रेल का नियंत्रण रखने वाले गार्ड के लिए लिखी जाती है।

इस तरह जानिए

मान लीजिए कि, रेल 150 मीटर समुंद्र तल की ऊंचाई से 200 मीटर समुद्र तल की ऊंचाई पर जा रही है, तो स्टेशन के साइन बोर्ड से जानकारी पाकर रेल ऑपरेटर को ट्रेन की गति बढ़ाने और घटाने का अंदाज़ा हो जाता है। साथ ही, रेलवे को ट्रेन को बिजली प्रदान करने वाले तारों की ऊंचाई को भी एक सामान रखने में मदद मिलती है, जिससे अन्य बिजली के तारों से रेल को करंट पहुंचाने वाले तारों क बीच एक समान दूरी भी बनी रहती है। इन बातों को ध्यान में रखते हुए रेलवे द्वारा सभी स्टेशनों के मुख्य बोर्ड पर समुन्द्र तल से ऊंचाई का जिक्र करता है।