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शहर के एक दर्जन हिस्सों में जनसहयोग से बांटे जाते हैं जूस, हजारों लोगको मिल रहा लाभ

जनसेवा की अनोखी पहल, सेहत सुधारने की दी जा रही सीख...

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भोपाल। शहरी क्षेत्र में जहां ज्यादातर चीजों के लिए लोग डिब्बाबंद सामान पर निर्भर हैं वहीं शहर के कुछ हिस्सों में जनसेवा के तहत सेहतमंद बनाने वाली ताजा चीजें मुहैया कराने की एक अलग ही पहल हुई है।

लोगों को प्रकृति के करीब रह तंदरूस्त रहने के नुस्खे बताए जा रहे हैं। व्यायाम के साथ फलों का ताजा रस मुहैया कराने की ये शुरुआत गायत्री शक्तिपीठ से हुई थी जो अब शहर के कई हिस्सों में संचालित हैं। खासबात ये है कि ये है कि इसे मुहैया कराने के पीछे मुख्य उद्देश्य जनसेवा है। रोजाना हजारों लोग लाभ ले रहे हैं।

एमपी नगर स्थित गायत्री मंदिर परिसर में सबसे पहले इसकी शुरुआत हुई। यहां करीब पांच सौ लोग रोजाना पहुंचते हैं। सुबह-शाम रसाहार और अंकुरित अन्न उपलब्ध होता ही है। कुछ अन्य स्थानों पर केनोपी लगाकर भी जूस उपलब्ध कराया जा रहा है।

स्वर्ण जयंती पार्क के बाहर भी इस मंदिर से जुड़े युवा प्रदीप मिश्रा के नेतृत्व में रसाहार व अंकुरित अन्न उपलब्ध कराया जा रहा है। इस प्रकार चिनार पार्क और प्रकाश तरण पुष्कर के बाहर भी आंवला, करेला, बेल, गाजर, चुकंदर, एलोवेरा, व्हीटग्रास समेत कई प्रकार के ताजे जूस व अंकुरित अन्न मिलते हैं।

सुबह के समय एकांत पार्क में भी इसी प्रकार के प्राकृतिक जूस आदि उपलब्ध रहते हैं। टीटी नगर स्टेडियम के बाहर भी खिलाडिय़ों व सैर करने वालों को फ्रेस जूस उपलब्ध रहते हैं। लालघाटी का बोरवन भी सैर-सपाटे की अच्छी जगह के रूप में डवलप हुआ है। बोरवन पर भी कई तरह के जूस व अंकुरित अन्न उपलब्ध रहते हैं।

एक दर्जन स्थानों पर हुई शुरुआत
शहर के कई हिस्सों में जनसहयोग से पार्क विकसित किए गए। सामाजिक संगठनों के जरिए नर्मदा पार्क, अलकापुरी इंद्रपुरी, नेहरू नगर, बोरवन पार्क के पास, शाहपुरा आदि एक दर्जन स्थानों पर अलग-अलग समाज सेवी संगठन इस काम में लगे हैं। इनके जरिए स्वदेशी मुहिम के तहत इन्हें मुहैया कराया जा रहा है।

निशुल्क कर रहे सेवा
शाहपुरा स्थित आरके गुरू औषधीय पौधों का जूस निशुल्क मुहैया करा रहे हैं। जनसेवा के लिए उन्होंने ये पहल की गई है। इसके अलावा कुछ संगठन लागत मूल्य पर इन्हें लोगों को बांटते हैं।

इनकी भी है कोशिश
शाहपुरा ए सेक्टर में आरके गुरु भी रसाहार केन्द्र चलाते हैं। घर में ही कई तरह औषधीय वनस्पतियां उगाई हैं। सुबह-सुबह इनके पत्ते या पंचाग, जो भी उपयोगी होता है, तोड़कर जूस निकालते हैं। 65 वर्षीय वैद्य शिवकुमार ङ्क्षसह शिवाजी नगर स्थित अंकुर कॉम्प्लेक्स में चिकित्सीय परामर्श के साथ रसाहार की सलाह दे रहे हैं। प्रकृति के करीब रहने की लोगों को सीख दे रहे हैं।

पांच वर्षों से संचालित है। यहां प्रतिदिन पांच सौ से सात सौ लोगों को फायदा मिलता है। इन्हें शुरू करने के पीछे मुख्य उद्देश्य लोगों स्वास्थ्य वर्धक सामग्री मुहैया कराना है।
-अमर सिंह धाकड़, जिला संयोजक युवा प्रकोष्ठ गायत्री शक्तिपीठ