छह महीने तक देगा सुरक्षा
प्रोजेक्ट से जुड़े वैज्ञानिकों के मुताबिक टीके को सं₹मण फैलाने वाले विलगित (आइसोलेट) वायरस को पूरी तरह निष्₹िय कर तैयार किया गया है। इसलिए यह छह महीने तक मुर्गियों को सुरक्षा कवच देगा। ये एच9एन2 के सभी एंटीजेनेकली डायवर्जेंट स्ट्रेन पर कारगर है।
एवियन इन्फ्लुएंजा वायरस दो प्रकार का
एवियन इन्फ्लुएंजा वायरस दो प्रकार का होता है। हाई पैथोजैनिक और लो पैथोजैनिक। हाई पैथोजैनिक एवियन इन्फ्लुएंजा मुर्गियों में मृत्यु दर काफी अधिक होती है। लो पैथोजैनिक एवियन इन्फ्लुएंजा से अंडा उत्पादन में कमी होती है।
मुर्गियों में आता जाता है बांझपन
अन्य बर्ड फ्लू वायरस के मुकाबले एच9 एन2 कम हानिकारक होता है। इस रोग से ग्रसित मुर्गियां अमूमन मरती तो नहीं हैं लेकिन वह अंडे कम देने लगती हैं। अंतत: वे बांझपन की शिकार हो जाती हैं। एच9एन2 के लो पैथोजैनिक वायरस से लाखों मुर्गियां सांस की बीमारी के बाद मर भी जाती हैं। अब तक विदेश से टीका मंगाना पड़ता था। नियंत्रण के लिए 2021 में केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को 160.11 करोड़ रुपए जारी किए थे।