
High Court decision on disposal of toxic ash from Bhopal gas tragedy- demo pic
Bhopal Gas Tragedy: अमेरिकी संसद में भोपाल गैस त्रासदी की 40वीं बरसी पर बड़ा प्रस्ताव पेश हुआ है। जिसमें तीन दिसंबर को राष्ट्रीय रासायनिक आपदा जागरूकता दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव पेश किया गया है। यह प्रस्ताव सीनेटर जेफ मर्कले और प्रतिनिधि सभा की सदस्य प्रमिला जयपाल और रशीदा तलैब ने पेश किया है।
साल 2001 के प्रस्ताव में भारत-अमेरिका समझौते का जिक्र किया गया है। जिसमें यूनियन कार्बाइड के मालिक डॉव इंक से भी अपने न्यायिक दायित्वों के पूरा करने की अपील की गई है। इसपर सीनेटर जेफ मर्कले ने कहा है कि रासायनिक आपदाएं अक्सर कंपनियों की ओर से सुरक्षा को नजरअंदाज कर मुनाफे देने की प्राथमिकता देने का नतीजा होती हैं। भोपाल गैस त्रासदी ने लाखों जिंदगियों को तबाह कर दिया और इसका असर अभी तक बना हुआ है।
प्रस्ताव में चर्चा के दौरान यूनियन कार्बाइड के खिलाफ भारतीय अदालत में चल रही कार्यवाही का जिक्र किया गया है। जिसमें कहा गया है कि भारत सरकार ने यूनियन कार्बाइड और उसके सीईओ वॉरेन एंडरसन पर गैर इरादतन हत्या का आरोप लगाया है। भारत और अमेरिका के बीच प्रत्यर्पण संधियों के तहत किए जाने वाले प्रयास भी विफल रहे। साथ ही प्रस्ताव में यह भी बताया गया कि 2001 से यूनियन कार्बाइड की मालिक डाउ केमिकल ने अपनी सहायक कंपनी को किसी भी कानूनी कार्यवाही में शामिल होने के लिए मजबूर नहीं किया गया।
प्रतिनिधि सभा की सदस्य प्रमिला जयपाल ने बताया कि भोपाल गैस त्रासदी दुनिया की सबसे भयावह औद्योगिक आपदाओं में से एक थी। जिसमें साल 1984 में 2 और 3 दिसंबर की रात यूनियन कार्बाइड संयंत्र से मिथाइल आइसोसाइनेट गैस का रिसाव हुआ था। इसमें त्रासदी में 22000 हजार के अधिक लोगों की मौत हो गई थी। पांच लाख से अधिक लोग आज भी इसका दुष्प्रभाव झेल रहे हैं।
Updated on:
07 Dec 2024 03:21 pm
Published on:
07 Dec 2024 03:20 pm
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