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मध्यप्रदेश की इस सबसे खूबसूरत इमारत को बनकर तैयार होने में लगे 15 साल

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को लिंक रोड क्रमांक-2 स्थित वन भवन का लोकार्पण किया। वन भवन 2.91 लाख वर्ग फीट में फैला है। इसे तैयार करने में 180.24 करोड़ लागत आई है।

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van bhawan

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भोपाल। सीएम ने कार्यक्रम में घोषणा की कि वन भवन की पूरी इमारत वन विभाग के लिए ही आरक्षित किया जाएगा। किसी अन्य विभाग को यहां शिफ्ट नहीं किया जाएगा। इसके लिए आवश्यक बजट की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश एक ऐसा राज्य है जिसमें करीब 30 प्रतिशत वन है। देश का 13 प्रतिशत वन कवर मप्र में है। हम लगातार सघन वन बढ़ा रहे हैं। पर्यावरण संरक्षण में वन विभाग की भूमिका महत्वपूर्ण है।

वन और आदिवासियों का गहरा संबंध

उन्होंने कहा कि प्रदेश को टाइगर स्टेट बनाने के लिए सभी ने खूब मेहनत की। बाघ गणना-2018 में मप्र में 526 बाघ थे तो कर्नाटक में 524 बाघ थे। इस बार हमने सभी को पीछे छोड़ दिया। अब हमारे यहां 785 बाघ हैं। पन्ना में जब फिर से बाघों को बसा रहे थे तो लोग हंसते थे कि ये कैसे संभव है। अब यहां बाघ नहीं आएंगे, लेकिन हमने इस प्रोजेक्ट को सफलतापूर्वक करके दिखाया। आज पन्ना में 64 बाघ हैं।

सीएम ने कहा कि जंगल आजीविका का आधार है। वन और आदिवासियों का गहरा संबंध है। आदिवासी कभी वन नष्ट नहीं करता है, बल्कि वे उसका संरक्षण करते हैं। वन बढ़ेंगे तो हम सभी के जीवन में खुशहाली आएगी। नया भवन प्रदेश का सबसे सुंदर भवन है। इस मौके पर सेवानिवृत्त पीसीसीएफ का सम्मान हुआ था। तो 5 वन सीमितियों को नए वाहन सौंपे गए। जिसमें किसी समारोह में एक हजार लोगों के हिसाब से बर्तनों की व्यवस्था भी है।

तीन विभागों को बेचे गए थे तीन फ्लोर

वन भवन को तैयार होने में करीब 15 साल का समय लगा। इसका निर्माण जुलाई 2008 में शुरू हुआ था। उस समय इसकी डेडलाइन जनवरी 2010 रखी गई थी। इसकी प्रारंभिक लागत करीब 86 करोड़ रुपए थी। विभाग ने निर्माण लागत के लिए 158.70 करोड़ का फाइनल बजट रखा था, लेकिन देरी के चलते इसकी लागत बढ़कर 180.24 करोड़ रुपए हो गई। वन भवन में 100 सीटर एक ऑडिटोरियम और 50 सीटर हॉल तथा 30 सीटर हॉल बनाए गए हैं। बजट की कमी के चलते करीब 58 करोड़ रुपए में श्रम विभाग, इलेक्ट्रॉनिक डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन और माइनिंग कॉर्पोरेशन को तीन फ्लोर बेचे गए थे। सीएम की घोषणा के बाद अब इन विभागों को राशि लौटानी होगी। हालांकि, अभी ये तय नहीं है, अब राशि की व्यवस्था वन विभाग करेगा या शासन स्तर पर बजट की व्यवस्था की जाएगी।

वन मंत्री हुए पसीना-पसीना, बोले इसके कांच खुलवाइये

समारोह से पहले वन मंत्री विजय शाह ने वन भवन का जायजा लिया। भवन का निरीक्षण करते हुए वे महज 10 मिनट में पसीना-पसीना हो गए। उन्होंने अफसरों से कहा कि इस मौसम में ये हाल है तो गर्मी के मौसम में कर्मचारी कैसे बैठ पाएंगे। इस पर एसीएस जेएन कंसोटिया ने कहा कि फ्लोर एरिया में एक-एक खिड़की खोलने से वेंटिलेशन की व्यवस्था हो जाएगी। इस पर मंत्री ने कहा कि इससे काम नहीं चलने वाला। कांच को हटाकर यहां खिड़कियां तैयार कराइये।