
Joya Afroz : मेरी लाइफ में स्ट्रगल नाम का कोई शब्द नहीं
भोपाल। मुझे बचपन से ही नाटक करने का काफी शौक है। मैं जब भी आइने देखकर एक्टिंग करती तो पापा कहते थे कि इसे तो एक्टर ही बनाना पड़ेगा और देखो बन गई मैं एक्ट्रेस। यह कहना है हम साथ-साथ हैं और कुछ न कहो जैसी फिल्मों में अभिनय कर चुकी जोया अफरोज का। शुक्रवार को जोया (Joya Afroz) राजधानी के एमपी नगर जोन-2 स्थित ब्यूटी जंक्शन सैलुन के उद्घाटन में पहुंची थी। पत्रिका प्लस से खास बात-चीत में जोया ने अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ से जुड़े अनुभव साझा किए। जोया का कहना है कि हर इंसान अपने जीवन में स्ट्रगल करके ही कुछ बनता है लेकिन वो स्ट्रगल नहीं है बल्कि आपकी पहचान है। इसलिए मेरी डिक्शनरी में स्ट्रगल वर्ड नहीं है। मैं जो करती हूं दिल से और बिना थके करती हूं।
भोपाल शहर और भोपालवासी काफी खूबसूरत
जोया(Joya Afroz) कहती हैं कि भोपाल शहर और भोपाल के लोग वाकई में काफी खूबसूरत हैं और मुझे भोपाल काफी पसंद आया। अपनी खूबसूरती को मैंटेन करने के बारे में जोया का कहना है कि योगा,एक्सरसाइज के साथ ही खुश रहना और दिमाग शांत रखकर मैं अपनी खूबसूरती को बरकरार रखती हूं।
ह्यूमन हिस्ट्री पर लिखी गई सेपियन पढ़ रही हूं
जोया का कहना है कि किताबें पढऩे से आपको दूसरों के नजरिए के बारे में पता चलता है साथ ही दिमाग को रिलेक्ट भी मितला है। जोया का कहना है कि अभी मैं ह्यूमन हिस्ट्री पर लिखी गई सेपियन की बुक पढ़ रही हूं जो काफी इंट्रेसिटंग है।
2013 मिस इंडिया मूमेंट यादगार
जोया(Joya Afroz) का कहना है कि जब मैंने मिस इंडिया 2013 का खिताब जीता तो लगा मानों मैंने कुछ एचीव किया है,वो मूमेंट मेरे लिए यादगार मूमेंट रहा जिसे मैं कभी नहीं भूलूंगी। इसके साथ ही जब मेरी कोई फिल्म आती या सीरियल में बेहतर रोल करती तो अच्छा लगता।
बाल कलाकार के रूप में इंट्रेस्ट लेकर करती रोल
जोया का कहना है कि मैं 3 साल की उम्र से अभिनय कर रही हूं एक बाल कलाकार के रूप में बिना रोए और इंट्रेस्ट लेकर करती रोल करती। मेरे पैरेंट्स बताते हैं कि बाकी के बच्चे शूटिंग के दौरान रोते या जिद करते लेकिन मेरी आंख से एक आंसू नहीं निकलता और मैं काफी इंट्रेस्ट लेकर रोल करती।
Published on:
20 Jul 2019 02:10 pm
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