दिग्विजय सिंह ने कहा, रचने को नया इतिहास, रण में है भोपाल एक साथ। दिनांक 20 अप्रैल, शनिवार को लोकसभा क्षेत्र भोपाल से नामांकन पत्र दाखिल करने जा रहा हूं। आपसे निवेदन है कि भोपाल के नव आगाज व सकारात्मक परिवर्तन हेतु आपका आशीर्वाद प्रदान करें। मेरा वादा है कि आपकी हिस्सेदारी सदैव मेरी जिम्मेदारी रहेगी।
संसदीय सीट | भाजपा उम्मीदवार | कांग्रेस उम्मीदवार |
गुना-शिवुपुरी | केपी यादव | ज्योतिरादित्य सिंधिया |
भोपाल | साध्वी प्रज्ञा ठाकुर | दिग्विजय सिंह |
गुना-शिवपुरी संसदीय सीट सिंधिया परिवार का गढ़ है। इस सीट पर सिंधिया राजघराने के सदस्य का ही राज रहा है। ग्वालियर के बाद गुना ही वो लोकसभा सीट है जहां से सिंधिया परिवार चुनाव लड़ना पसंद करता है। ग्वालियर की राजमाता विजयाराजे सिंधिया, माधवराव सिंधिया और ज्योतिरादित्य सिंधिया ही इस सीट पर जीतते आए हैं। इस सीट पर जब भी सिंधिया परिवार का कोई सदस्य मैदान में उतरा है उसे जीत मिली है। पिछले 4 चुनावों से इस सीट पर कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया जीत रहे हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने बीजेपी के जयभान सिंह को हराया था।
विजयाराजे सिंधिया- सिंधिया परिवार की सियासत में एंट्री राजमाता विजयाराजे सिंधिया के कारण हुई थी। राजमाता विजयाराजे ही पहली पर सियासत में उतरी थीं। राजमाता सिंधिया पहली बार कांग्रेस के टिकट पर 1957 में गुना शिवपुरी संसदीय सीट से चुनाव जीता था। उसके बाद 1967 में स्वतंत्र पार्टी के उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज की। 1989 से 1999 तक वो लगातार यहां से भाजपा की उम्मीदवार के रूप में सांसद रहीं। राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने यहां से छह बार चुनाव लड़ा और 6 बार जीत दर्ज की। विजयाराजे सिंधिया यहां से लगातार चार बार चुनाव लड़ीं थी।