ज्योतिरादित्य सिंधिया Jyotiraditya Scindia जून 2020 में एमपी से राज्य सभा सांसद चुने गए थे। राज्यसभा सांसद के रूप में उनका 6 साल का कार्यकाल सन 2026 में समाप्त होना था। इससे पहले बीजेपी ने उन्हें गुना लोकसभा से चुनावी मैदान में उतार दिया और वे जीत भी गए। लोकसभा के सदस्य बनते ही उनकी राज्यसभा की सीट खाली हो गई।
यह भी पढ़ें : एमपी में नेशनल हाईवे बंद, भिंड ग्वालियर मार्ग पर कई घंटों से फंसे लोग, वाहनों की लगी लंबी कतार ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में 2019 में गुना सीट हार गए थे। तब उन्हें बीजेपी प्रत्याशी केपी यादव KP Yadav ने हराया था। इसके बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आ गए। सिंधिया समर्थक विधायकों के बल पर एमपी में बीजेपी की सरकार बन गई। इसके बदले में ज्योतिरादित्य सिंधिया को केंद्र में मंत्री बनाया गया और बाद में राज्यसभा सदस्य बना दिया गया था।
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अब ज्योतिरादित्य सिंधिया के गुना से लोकसभा सांसद बनने से मध्यप्रदेश की राज्यसभा की एक सीट खाली हो गई है। उनकी खाली की गई सीट पर एमपी के कई बड़े बीजेपी नेताओ की नजर है। इनमें गुना के पूर्व सांसद केपी यादव का नाम सबसे प्रमुख है।
गुना सांसद केपी यादव की इस लोकसभा चुनाव में टिकट काट दी गई थी। यादव ने जिन ज्योतिरादित्य सिंधिया को हराया था, बीजेपी ने उन्हीं को गुना से प्रत्याशी बना दिया था। हालांकि पार्टी नेताओं ने केपी यादव के राजनैतिक पुनर्वास का भी वादा किया था। संभावना जताई जा रही है कि बीजेपी BJP सिंधिया की खाली सीट से पूर्व सांसद केपी यादव को राज्यसभा Rajya Sabha भेज सकती है।
राज्यसभा सीट के लिए पूर्व सांसद केपी यादव के अलावा कुछ अन्य बीजेपी नेताओं के नाम भी सामने आ रहे हैं। इनमें मध्यप्रदेश के पूर्व गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा Narottam Mishra और कांग्रेस से बीजेपी में आए पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी Suresh Pachauri भी शामिल हैं। लोकसभा चुनाव में अमेठी से हारीं पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी Smrit Irani के नाम की भी चर्चा है।