कैलाश सत्यार्थी ने ट्वीट कर लिखा है कि गोडसे ने गांधी के शरीर की हत्या की थी, परंतु प्रज्ञा जैसे लोग उनकी आत्मा की हत्या के साथ, अहिंसा, शांति, सहिष्णुता और भारत की आत्मा की हत्या कर रहे हैं। गांधी हर सत्ता और राजनीति से ऊपर हैं। भाजपा नेतृत्व छोटे से फायदे का मोह छोड़ कर उन्हें तत्काल पार्टी से निकाल कर राजधर्म निभाए।
साध्वी नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताकर पूरी तरह फंस गई हैं। पार्टी की अनुशासन समिति ने भी उनसे इसे लेकर जवाब मांगा है। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने साध्वी के बयान पर कहा था कि उनके बयान से पार्टी सहमत नहीं है, हमारी विचारधारा ऐसी नहीं है। अऩुशासन समिति पूरे मामले पर दस दिनों में पार्टी को रिपोर्ट सौंपेगी।
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एमपी के खरगोन रैली के बाद दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि इस तरह के बयान कतई स्वीकार नहीं है, साथ ही ये भयंकर खराब है। प्रज्ञा ठाकुर ने भले ही इस बात के लिए माफी मांग ली हों लेकिन मैं उन्हें कतई माफ नहीं करूंगा।
कैलाश सत्यार्थी से पहले मध्यप्रदेश के सीएम कमलनाथ ने भी साध्वी को पार्टी से निकालने के लिए बीजेपी से मांग की थी। उन्होंने कहा था कि पार्टी की यह विचारधारा है, ऐसे बोलने वाले लोगों पर पूर्व में भी कोई कार्रवाई नहीं की है। उन्होंने कहा था कि अगर हिम्मत है तो साध्वी को पार्टी से बाहर निकाले।
गौरतलब है कि एमपी बीजेपी के ही एक और नेता अनिल सौमित्र ने महात्मा गांधी को पाकिस्तान का राष्ट्रपिता बताया था। पार्टी ने उनके ऊपर तुरंत कार्रवाई की है और निलंबित कर दिया। साथ ही सात दिनों के अंदर उनसे जवाब मांगा है।