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नदी की जीवंतता बढ़ानी है बने कलियासोत रिवर फ्रंट

राज्य सरकार नदियों के किनारे पर्यटन बढ़ाने के लिए रिवरफ्रंट प्रोजेक्ट बना रही है। भोपाल की कलियासोत नदी के किनारे को भी रिवर फ्रंट के रूप में विकसित किया जाए तो न केवल इससे नदी का अतिक्रमण रुकेगा बल्कि शहरवासियों के पर्यटन के लिए नये स्थल भी विकसित होंगे।

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भोपाल. राज्य सरकार नदियों के किनारे पर्यटन बढ़ाने के लिए रिवरफ्रंट प्रोजेक्ट बना रही है। भोपाल की कलियासोत नदी के किनारे को भी रिवर फ्रंट के रूप में विकसित किया जाए तो न केवल इससे नदी का अतिक्रमण रुकेगा बल्कि शहरवासियों के पर्यटन के लिए नये स्थल भी विकसित होंगे।

जेके से दानिशकुंज ब्रिज-सलैया की ओर संभावनाएं
कलियासोत नदी पर सर्वधर्म के बाद मंदाकिनी जेके के पास वाले हिस्से से लेकर दानिशकुंज ब्रिज और सलैया तक करीब पांच किमी का खुला क्षेत्र है। किनारों पर काफी जगह है। यहां रिवरफ्रंट विकसित हो सकता है। यहां पानी रोकने के लिए जेके अस्पताल के पास, दानिशकुंज और सलैया पर स्टॉप डेम बनाए जा सकते हैं। इस क्षेत्र में कुछ प्रोजेक्ट की सड़क और कुछ शेड है, जिसे आसानी से हटाया जा सकता है। एक जगह रिटेनिंग वॉल है, इसे भी तोड़ा जा सकता है।

साबरमती फ्रंट की तरह करें विकास
अहमदाबाद की साबरमती,कोटा की चंबल, लखनऊ की गोमती नदी के किनारे आकर्षक रिवर फ्रंट बने हैं। इन नदियों का सौंदर्यीकरण कर पर्यटन का नया केंद्र विकसित किया गया है। यदि राजधानी में भी इस तरह का विकास हो तो जनता को एक नया पर्यटन स्थल मिलेगा, लोग यहां सुबह-शाम की ताजा हवा में घूमेंगे। बैठने के लिए बेंच, हट्स और बच्चों के झूले लगाकर इसे व्यवस्थित कर पर्यटक स्थल का रूप दिया जा सकता है। फिल्मों की शूटिंग के लिए नई लोकेशन भी मिल सकती है।

नदी को मिलेगा नया जीवन
भदभदा से भोजपुर तक करीब 36 किमी बहाव में नदी के किनारों पर 500 से ज्यादा अतिक्रमण हो चुके हैं। कोलार से मंडीदीप तक सीधे सीवेज इसमें मिलता है। लेकफ्रंट डेवलपमेंट हो तो किनारों पर सुनियोजित गतिविधियों से लेकर जलक्रीड़ाएं बढ़ेंगी। कलियासोत के किनारों पर खेल,पार्क व इसी तरह की सार्वजनिक गतिविधियां बढ़ाने के लिए बारिश के पानी को रोकने के लिए स्टॉप डेम बनाकर सालभर पानी रोका जा सकता है। सीवेज भी एसटीपी से नदी में सीधे मिलने से रुक जाएगा।

कलियासोत की अभी ऐसी स्थिति

नौ माह सूखी
नदी साल के आठ से नौ माह सूखी रहती है। यहां कोई घाट नहीं है। किसी तरह की जलापूर्ति नहीं होती है। पांच बड़े नालों से नदी में घरेलू वेस्ट डाला जाता है। शाहपुरा के पास कोलार रोड से नदी में टीटी नगर, मैनिट, पंचशील नगर, चार इमली, चूनाभट्टी से नाला मिलता है।
सीवेज व गंदा पानी
मंडीदीप के पश्चिमी भाग के नाले से नदी में सीवेज व गंदा पानी मिलता है। मंडीदीप के दक्षिण पूर्वी भाग की बस्तियों का सीवेज मिलता है। मिसरोद व इससे जुड़ी आबादी का पूरा सीवेज व गंदगी नदी में मिलती है। मंडीदीप का औद्योगिक क्षेत्र वाला वेस्ट नदी में मिलता है।
५०० अतिक्रमण
कलियासोत में 1998 में डेम बना था। ये भोजपुर के पास बेतवा में मिलती है। इस बीच 36 किमी में करीब 500 छोटे-बड़े अतिक्रमण हंै।

चंबल में भी रिवरफ्रंट
गुजरात में सावरमती रिवरफ्रंट डेवलपमेंट प्रोजेक्ट की तर्ज पर कोटा में लगभग 1200 करोड़ रुपए से चंबल रिवरफ्रंट प्रोजेक्ट तय किया गया। दिल्ली में यमुना प्रोजेक्ट की प्लानिंग है। ग्रेटर नोएडा में हिंडन नदी प्रोजेक्ट, पुणे में मुला-मुथा नदी प्रोजेक्ट, असम में ब्रह्मपुत्र प्रोजेक्ट,नासिक में गोदावरी प्रोजेक्ट और लखनऊ में गोमती रिवर फ्रंट से इससे नदियों की जीवंतता बढ़ी है।
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रिवरफ्रंट प्रोजेक्ट के जरिए नदियों के किनारे पर्यटन गतिविधियां बढ़ाने की कवायद की जा रही है। इसके तहत कुछ नदियों पर शुरुआती काम हो रहे हंै। भोपाल में कलियासोत नदी पर क्या संभावनाएं हैं। इसे देखा जा सकता है।
नीरज मंडलोई, पीएस शहरी आवास एवं विकास