
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि देश की राजधानी को हिंसा की आग में किसने झोंका, कौन है इसका जिम्मेदार और इसके पीछे किसकी असफलता है यह सामने आना चाहिए।
भोपाल। कोरोना वायरस कांग्रेस सरकार की डूबती नैय्या को सहारा देता दिखाई दे रहा है। केन्द्र सरकार की हेल्थ एडवाइजरी जारी होते ही सरकार ने सबसे पहले प्रदेश में स्कूल-कॉलेज और टॉकिज बंद कर दी है। अब रविवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री कमलनाथ कोरोना वायरस को देखते हुए विधानसभा का बजट सत्र आगे बढ़ाने का प्रस्ताव पारित कर विधानसभा को भेज सकते हैं। हालांकि जीएडी मंत्री गोविंद सिंह ने कहा है कि अभी इस तरह का कोई विचार नहीं है। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट आने पर ही इस पर निर्णय लिया जाएगा। वहीं शनिवार सुबह ही स्वास्थ्य मंत्री तरुण भनोत ने अपने बंगले पर स्वास्थ्य विभाग की बैठक कोरोना वायरस को लेकर तलब की है।
बैठक में प्रदेश भर में कोरोना वायरस के प्रभाव की समीक्षा के बाद इसके लिए ऐतिहातन कदम उठाने पर रणनीति बनेगी। सूत्रों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग की इसी रिपोर्ट को आधार बनाकर राज्य सरकार विधानसभा सत्र को टाल सकती है। सत्र टलने से सरकार पर छाया संकट हाल—फिलहाल टल सकता है। कारण कि भाजपा सत्र के पहले दिन राज्यपाल अभिभाषण की जगह फलोर टेस्ट कराने की मांग कर रही है। इस संबंध में भाजपा प्रतिनिधि मंडल राज्यपाल से भी मुलाकता कर चुका है। वहीं कांग्रेस बजट सत्र में पहले राज्यपाल अभिभाषण करवाना चाहता है इसके बाद बजट पेश करने की तैयारी में है। सरकार का मानना है कि उसे समय मिलने से वह अपने बागी विधायक को मनाने में सफल हो जाएगी।
मंत्री पीसी शर्मा की मानें तो केंद्र सरकार ने एडवाइजरी जारी की है कि किसी भी पब्लिक गैदरिंग प्लेस के आयोजनों को रद्द किया जाए ताकि संक्रमण का खतरा ना हो। विधानसभा में भी प्रदेशभर से कई लोग पहुंचते हैं जिनमें संक्रमण का खतरा बना रहता है। इस खतरे से बचने के लिए संभव है कि विधानसभा का सत्र आगे बढ़ाया जाए।
दवाब बनाने 6 मंत्रियों को हटाया
कमलनाथ सरकार ने 22 विधायकों पर मानसिक दवाब बनाने के लिए सिंधिया खेमे के 6 मंत्रियों को पद हटा दिया है। उनके विभाग अपने भरोसेमंद मंत्रियों को सौंप दिए हैं।
Updated on:
14 Mar 2020 03:42 pm
Published on:
14 Mar 2020 02:25 pm
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