
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि देश की राजधानी को हिंसा की आग में किसने झोंका, कौन है इसका जिम्मेदार और इसके पीछे किसकी असफलता है यह सामने आना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के लेागों के नाम एक खुला पत्र भी जारी किया है। कमलनाथ ने पत्र में लिखा है कि मैं यह कभी कल्पना भी नहीं कर सकता था कि सत्ता की लोलुपता भाजपा के नेताओं को इस कदर नैतिक पतन की ओर ले जाएगी कि वे प्रदेश के नागरिकों के प्रजातंत्रीय निर्णय की ही सौदेबाजी करने लगेंगे। उन्होंने लिखा कि आज सचमुच भाजपा नेताओं के इस अशोभनीय आचरण ने मध्यप्रदेश के गौरवशाली इतिहास और वैभवशाली विरासत को कलंकित करने की कोशिश की है। मुझे अपने विधायकों पर पूरा विश्वास है।
ये लिखा पत्र .....
प्रिय प्रदेशवासियो,
मैं हतप्रभ हूँ कि भाजपा को आखिर इस कदाचरण की प्रेरणा मिली कहाँ से है। क्या ये लोग उन माफियाओं से प्रेरित हैं जिन्हें मैं जड़ से मिटा देना चाहता हूँ। क्या ये लोग उन मिलावटखोरों के प्रभाव में है जिनसे मैं प्रदेश को मुक्त करने का संकल्प ले चुका हूँ। क्या इन्होंने इस षडय़ंत्र की कुचेष्टा उन रेत माफियाओं और वसूली माफियाओं के साथ मिलकर की है जिनके खिलाफ मैने लड़ाई का शंखनाद किया है। आज प्रदेश भाजपा नेताओं ने प्रदेश के विकास पर सीधा आक्रमण किया है। प्रदेश में धीरे-धीरे आ रहे निवेश और उसकी संभावनाओं को आघात पहुंचाने की धृष्टता की है, किसानों की कर्ज माफी और उनके उज्ज्वल भविष्य पर वार किया है, युवाओं के रोजगार के सुनहरे अवसरों पर प्रहार किया है।
प्रदेश के नागरिकों के इंदिरा गृह ज्योति योजना से सस्ती बिजली के साकार हो चुके सपने को ठेस पहुँचाने की कोशिश की है, क्योंकि किसी प्रदेश के विकास की अनिवार्य शर्त है उसकी राजनैतिक स्थिरता। मैं भाजपा नेताओं से अनुरोध करता हूँ कि वे सत्ता की भूख का प्रदर्शन इस तरह न करें कि लोगों का प्रजातंत्र पर से भरोसा ही उठ जाए। मैं प्रार्थना करता हूँ कि हनुमान जी भाजपा को मर्यादा, संयम और चरित्रबल दें, ताकि हम सब पक्ष और प्रतिपक्ष मिलकर प्रदेश के विकास के स्वप्न को साकार कर सकें।
Published on:
07 Mar 2020 08:39 pm
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