1-सिंदूर: माथे पर सिंदूर पति की लंबी उम्र की निशानी माना जाता है। हिन्दू धर्म में सिंदूर की मान्यता सबसे अधिक बताई गई है। विवाह के अवसर पर पति अपनी पत्नी के मांग में सिंदूर भर कर जीवन भर उसका साथ निभाने का वचन देता है।
2- कंगन या चूड़ी: हाथों में लाल और हरी चूड़ियां भी सोलह श्रृंगार में शामिल हैं।
3-मांग टीका: मांग टीका वैसे तो आभूषण है लेकिन इसे भी सोलह में शामिल किया गया है।
4-बिंदिया: माथे पर लगी बिंदिया भी सुहागन के सोलह श्रृंगार में शामिल है।
5-काजल: काजल काली नजरों से बचाने के लिए लगाया जाता है।
6-नथनी: नाक में पहनी जाने वाली नथनी भी सोलह श्रृंगार में शामिल है।
7-कर्णफूल : ईयर रिंग भी सोलह श्रृंगार में गिने जाते हैं।
8-मेंहदी : करवा चौथ पर हाथों में मेहंदी जरूर लगानी चाहिए। मेहंदी के बिना सुहागन का श्रृंगार अधूरा माना जाता है। शादी के वक्त दुल्हन और शादी में शामिल होने वाली परिवार की सुहागिन स्त्रियां अपने पैरों और हाथों में मेहंदी रचाती हैं। कहा जाता है कि नववधू के हाथों में मेहंदी जितनी गाढ़ी रचती है, उसका पति उसे उतना ही ज्यादा प्यार करता है।
9- मंगलसूत्र: ये भी सुहागन होने का प्रतीक है। सुहागिनों के लिए मंगलसूत्र और हार को वचनबद्धता का प्रतीक माना जाता है। सौभाग्य का भी प्रतीक माना जाता है।
10-बिछिया : दोनों पांवों की बीच की तीन उंगलियो में सुहागन स्त्रियां बिछिया पहनती हैं।
11-पायल : घर की लक्ष्मी के लिए पायल को बेहद शुभ माना जाता है।
12-कमरबंद या तगड़ी : सुहागन के सोलह श्रृंगार में शामिल है।
13-अंगूठी : अंगूठी को भी सुहाग के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
14-बाजूबंद : बाजूबंद वैसे तो आभूषण है लेकिन इसे भी सोलह में शामिल किया गया है।