
फुलवारी-2018: पारंगत और नवोदित कलाकारों ने किया मंच साझा
भोपाल। रवीन्द्र भवन में रविवार को नटराज कथक केंद्र की ओर से फुलवारी-2018 का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में रूपाली जैन पांडे ने ध्रुपद गायन पेश किया। वहीं अर्पणा चतुर्वेदी, शिखा सोनी और आरती श्रीवास्तव ने कथक की प्रस्तुति दी। कथक के माध्यम से राम का जीवन और सीता स्वयंवर के दृश्यों को दिखाया गया।
अंत में उज्जवल सिन्हा ने 15 मिनट के नाटक 'कला' का मंचन किया। कार्यक्रम की शुरुआत रूपाली ने ध्रुपद गायन से की। प्रस्तुति की शुरुआत राग भूपाली में आलाप, जोड़, झाला प्रस्तुत कर की। इसके बाद सूलताल की बंदिश पेश की। रागों से सजी शाम को आगे बढ़ाते हुए राग यमन में सूलताल, राग श्याम कल्याण में सूलताल, राग पट्टदीप, राग अठाना पेश कर प्रस्तुति को विराम दिया।
अगली कड़ी में रायगढ़ घराने की अर्पणा ने 15 मिनट की अपनी प्रस्तुति में ठुमरी और तराना पेश किया। ठुमरी में भाव पक्षों के माध्यम से अग्र फैरी, भरत तौड़ा, तिहाइयां पेश की तो द्रूत गति तीन ताल में तराना पेश किया। इसमें ताल पक्ष, तत्कार, तोड़े और टुकड़े का अद्भूत समागम देखने को मिला। उनके साथ सांची नशीने, रूमा बसंल ने संगत दी।
कला जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है
नाटक 'कला' का डायरेक्शन उज्जवल सिन्हा ने किया। नाटक में बच्चों का ग्रुप एक टीचर को अपना आर्ट वर्क दिखाते हैं। टीचर उन्हें आर्ट गैलेरी लेकर जाती है जहां वे मटके को देख सोचते हैं कि इसमें क्या आर्ट है। नाटक में दिखाया गया कि कला जीवन का एक महत्वपूर्ण है। हर विधा अपने आप में संपूर्ण है।
नमामि भक्त वस्तस्लम
कथक की प्रस्तुति को ग्वालियर की शिखा सोनी और आरती श्रीवास्तव ने आगे बढ़ाया। उन्होंने अपनी प्रस्तुति की शुरुआत राम भजन से की। जिसके बोल नमामि भक्त वस्तस्लम थे। इसमें उन्होंने राम जीवन, धनुष तोड़ कर सीता विवाह से दृश्यों से मंच को जीवंत कर दिया। अगली कड़ी में तोड़, टुकड़े और परन पेश किया। शिखा ने तीन ताल में और आरती ने धमाल ताल में नृत्य पेश किया।
Published on:
28 May 2018 07:33 pm
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