ऐसा कहा जाता है कि लोग उन्हें दो कहते थे लेकिन राधा का मानना था कि कृष्ण और राधा एक ही हैं। आज के समय में श्रीकृष्ण को ही जीवन का सारथी मान लिया जाए तो आप जीवन के सच्चे जीवनसाथी को प्राप्त कर सकते हैं। ये बात राजधानी भोपाल के होशंगाबाद रोड़ स्थित राधा कृष्ण मंदिर के पुजारी सुशील कुमार ने बतायी।
Krishna JANMASTHAMI 2018
इस बार जन्माष्टमी में अब तक का शुभ योग बन रहा है। ऐसा कहा जाता है कि जिस भी अविवाहित कन्या को सच्चा जीवनसाथी की तलाश हो तो वह जन्माष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण का व्रत और विधि विधान से पूजा अर्चना कर ‘कान्हा’ जैसा पति को प्राप्त कर सकता है।
पूजा के पश्चात करें श्री कृष्ण मंत्र का जाप
श्री कृष्ण मंत्र “कात्यायनी महामाये महायोगिन्यधीश्वरी। नन्दगोपसुतं देवि पतिं मे कुरू ते नम:।।” का जाप जरूर करें। श्री कृष्ण मंत्र का जाप भगवान श्री कृष्ण की पूजा करने के दौरान करें। जन्माष्टमी के दिन व्रत रखे और कान्हा के जन्म के बाद ही पूरे विधि विधान के साथ ही व्रत खोले। ऐसा कहा जाता है कि श्री कृष्ण मंत्र का जाप द्वापर युग में श्रीकृष्ण को पति रूप में पाने के लिए गोकुल की गोपियों ने किया था।
बांके बिहारी मंदिरों में राधा कृष्ण का श्रृंगार
जन्माष्टमी के साथ ही शहर के राधा कृष्ण मंदिरों में कृष्ण जन्म उत्सव की शुरुआत हो गई है। इस मौके पर शहर के मंदिरों में प्रतिदिन अलग-अलग स्वरूप में राधा कृष्ण का श्रृंगार कर झूला झुलाया जा रहा है। भोपाल स्थित बिरला मंदिर के पुजारी पं. श्रवण कुमार ने बताया कि सोमवार की रात करीब 12 बजे कृष्ण भगवान की पूजा करके बांके बिहारी भगवान श्रीकृष्ण का जन्म उत्सव मनाया जाएगा।
कृष्ण भगवान की झांकी
इस दौरान मंदिर में भजन संध्या का भी आयोजन किया गया है। इस मौके पर आकर्षक झांकी सजाई गई और विद्युत साज-सज्जा की गई। रविवार की मध्यरात्रि तक मंदिर में श्रृंगार दर्शन का सिलसिला चलता रहेगा। भोपाल के चौबदारपुरा तलैया स्थित राधा कृष्ण मंदिर के पं. रामनारायण आचार्य ने बताया कि प्रतिदिन भगवान का अलग-अलग स्वरूप में शृंगार किया जा रहा है। जन्माष्टमी पर कृष्ण भगवान की झांकी दिखायी जाएगी।