29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर बनने वाले धारावाहिकों में गहरे शोध की कमी : रजा मुरीद

धार्मिक मान्यताओं से जुड़ी चीजों के चित्रण में भी अधकचरापन नजर आता है। इससे पहले कि चीजें और ज्यादा खराब हों, इस चलन को जल्द से जल्द रोका जाना चाहिए।

2 min read
Google source verification
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर बनने वाले धारावाहिकों में गहरे शोध की कमी : रजा मुरीद

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर बनने वाले धारावाहिकों में गहरे शोध की कमी : रजा मुरीद

भोपाल. बॉलीवुड में अपने दमदार अभिनय और उतनी ही दमदार आवाज के लिए अलग पहचान रखने वाले फिल्म अभिनेता रजा मुराद ने कहा कि ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर आधारित धारावाहिकों के निर्माण में तथ्यों को लेकर जरूरी गहरे शोध की घोर कमी महसूस होती है। यहां तक कि पौराणिक धारावाहिकों में भी तथ्यों से छेड़छाड़ नजर आती है। साथ ही धार्मिक मान्यताओं से जुड़ी चीजों के चित्रण में भी अधकचरापन नजर आता है। इससे पहले कि चीजें और ज्यादा खराब हों, इस चलन को जल्द से जल्द रोका जाना चाहिए। भोपाल में नए कलाकारों को अभिनय की बारीकियां सिखा रहे रजा मुराद ने अपने फिल्मी सफर की भी जानकारी दी। वे अब तक 250 से ज्यादा फिल्मों में विभिन्न भूमिकाएं निभा चुके हैं। रजा मुराद ने भोपाल को फिल्मों के लिए उभरती हुई लोकेशन बताया। उन्होंने यहां की कला को उभारने के लिए फिल्म इंडस्ट्री की स्थापना की मांग को उठाया। उन्होंने कहा कि भोपाल में फिल्म इंडस्ट्री बन जाए तो सरकार को राजस्व भी मिलने लगेगा और यहां की प्रतिभाओं को बॉलीवुड में मंच भी मिलेगा।

प्रदेश में फिल्म इंडस्ट्री की स्थापना की उठती रही है मांग
देश का दिल कहलाने वाले मध्यप्रदेश में कई खूबसूरत लोकेशन हैं, जो फिल्मों की शूटिंग के लिए फिल्म निर्माताओं और कलाकारों को लुभाती हैं। पिछले कुछ सालों में राजधानी भोपाल के अलावा अन्य शहरों में भी बॉलीवुड की बड़ी फिल्मों जैसे राजनीति, सूई धागा की शूटिंग यहां हुई है। प्रदेश में फिल्म इंडस्ट्री की स्थापना की मांग लगातार उठती रही है।

नए कलाकारों को दिए एक्टिंग टिप्स, कहा- थिएटर में री टेक नहीं होता
फिल्म अभिनेता रजा मुराद ने कहा कि एक कलाकार को एक्टिंग के लिए जिस एक्ट को करना है, सबसे पहले उसको समझना जरूरी है। क्योंकि उसी के बाद वह स्वयं को उस रोल के अनुसार ढाल सकेगा। रोल पता होने के बाद आप जो अभिनय कर रहे हैं, वह थिएटर पर है या फिर कैमरे के सामने यह भी समझना होगा। रजा मुराद अरेरा कॉलोनी में शुरू हुई एक्टिंग क्लास में नए कलाकारों को अभिनय की बारीकियां सीखा रहे हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि थिएटर में री टेक नहीं होता है। इसलिए आपको अपना परफॉर्मेंस पहली ही बार में बेहतर करना होता है।