
भोपाल. मध्य प्रदेश में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के पथ- विक्रेताओं को सहारा देने के लिये प्रधानमंत्री स्वनिधि ऋण योजना का मध्यप्रदेश में क्रियान्वयन किया और राज्य देश में अव्वल स्थान पर है। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र के पथ व्यवसायियों के जीवन को आसान बनाने के लिये मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ-विक्रेता योजना प्रांरभ की गई, जिसके अच्छे परिणाम प्राप्त हो रहे हैं।
योजना में ग्रामीण क्षेत्रों के छोटे-छोटे स्ट्रीट वेण्डर्स को भी 10-10 हजार रूपये का ब्याज रहित ऋण उनके कार्य के उन्नयन के लिए दिलवाया गया है। क्रेडिट गारंटी राज्य शासन ने दी है। साथ ही ऋण प्रक्रिया को स्टाम्प ड्यूटी से भी मुक्त रखा गया है। मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि प्रदेश के करीब साढ़े पाँच लाख शहरी एवं ग्रामीण पथ विक्रेताओं को प्रति हितग्राही 10 हजार रुपये की कार्यशील पूंजी उपलब्ध करवाई गई है।
कठिन परिस्थितियों में मिला सहारा
पिछले 6 माह इस योजना को प्राथमिकता में लेते हुए गति दी गई। वर्ष 2020 में जहाँ कोरोना संकट के कारण पूरी अर्थ-व्यवस्था के लिए मुश्किल के दिन थे। ये छोटे व्यवसायियों की आर्थिक कठिनाइयों का दौर भी था। ऐसी परिस्थितियों में कार्यशील पूँजी मिल जाने से जरूरतमंद पथ विक्रताओं को महत्वपूर्ण सहारा मिला। तब मध्यप्रदेश में करीब पाँच लाख पहचान-पत्र तैयार किए गए। ये काफी महत्वपूर्ण कार्य था।
प्रदेश में अभियान संचालित कर छोटे कारोबारियों की आर्थिक प्रगति सुनिश्चित की जा रही है। कलेक्टर्स को अपने जिले में पथ-विक्रताओं को पोर्टल के माध्यम से रजिस्टर्ड करने के लिए कहा गया है। छूटे पथ- विक्रताओं का मुख्यमंत्री शहरी असंगठित कामगार एकीकृत पोर्टल पर पंजीयन करवाकर उनके ऋण बैंकों को प्रेषित करने के निर्देश है। साथ ही बैंकों से समन्वय कर प्रकरणों की स्वीकृति भी सुनिश्चित की जा रही हैं।
Published on:
29 Mar 2021 02:33 pm
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