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यहां न हो जाए झालावाड़ जैसा हादसा, शहर में 836 स्कूल पर इनमें 50% भवन जर्जर

Jhalawar School collapse : जोखिम में जान, 50 स्कूल भवन बैठने लायक नहीं, फिर भी कक्षाएं। राजधानी के 836 स्कूलों में से 50 प्रतिशत के भवन जर्जर।

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jhalawar school collapse

यहां न हो जाए झालावाड़ जैसा हादसा (Photo Source- Patrika Input)

Jhalawar School collapse :मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में भी सैकड़ों नौनिहालों का जीवन भी राजस्थान के झालावाड़ जैसे खतरे में है। क्योंकि, ये बच्चे भी 100 साल पुराने जर्जर भवन की कक्षाओं में बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं। बारिश में इनकी छतें टपक रही हैं।

बता दें कि, शहर में 836 स्कूल हैं। इनमें से 450 की बिल्डिंग को मरम्मत की जरूरत है। इनमें से कुछ 100 साल पुरानी हैं। इनमें से 50 ऐसी हैं जिनकी तुरंत मरम्मत की जरूरत है। इनकी दीवारों में दरारें हैं। कमरों में सीलन है। किसी भी दिन इन बिल्डिंग्स में राजस्थान के झालावाड़ की तरह हादसा हो सकता है। ये भरभराकर गिर सकती हैं।

भवनों की जीवन अवधि खत्म

राजधानी में 836 सरकारी स्कूलों में अधिकांश 100 से 50 साल पुरानी हैं। ये चूने गारे से बनी हैं। इन भवनों की जीवन अवधि खत्म हो चुकी है। बावजूद इसके इनमें करीब एक लाख बच्चे पढ़ रहे हैं।

भेदभाव की इंतिहा

सरकारी स्कूलों के रखरखाव के प्रति सरकार संजीदा नहीं है। इसे सांदीपनी स्कूलों के बजट से समझा जा सकता है। शहर के आठ नए सांदीपनी स्कूलों के लिए 300 करोड़ कर बजट मिला है।

-शासकीय हमीदिया कन्या उ.मा.वि.क्र.1, फतेहगढ़

सदर मंजिल के पास हमीदिया स्कूल का भवन सबसे पुराना है। पिछले साल इसकी एक दीवर ढह गई थी। कुछ रूम में अब क्लासेस बंद हैं। चार जर्जर कमरों में कक्षाएं लग रही हैं। स्कूल की प्राचार्य विमला शाह ने बताया कि मरम्मत के लिए प्रस्ताव लंबित है।

-पिपिलिया बाजखां

पिपलियां के मिडिल स्कूल का प्लास्टर गिर रहा है। छत से लोहे के सरिए झांक रहे हैं। फिर भी जोखिम लेकर कक्षाएं चल रही हैं।

-बरखेड़ी पीएमश्री

बरखेड़ी पीएमश्री स्कूल में हाल ही छत से प्लास्टर गिरने से एक छात्रा घायल हो गई थी। फिर भी कक्षाएं लग रही हैं।

क्या कहे हैं जिम्मेदार?

जिला परियोजना अधिकारी आरके यादव का कहना है कि राजधानी भोपाल के 450 स्कूलों में मरम्मत की जरूरत है। इनमें से 50 ऐसे हैं, जिनमें तुरंत सुधार करना जरूरी है। हर स्कूल की जांच कराई जा रही है। सुधार के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। राशि की मंजूरी मिलते ही काम शुरू किया जाएगा।