scriptमोदी के सामने वनवासी रामायण का होगा सजीव चित्रण | Live depiction of Vanvasi Ramayana in front of PM Modi | Patrika News

मोदी के सामने वनवासी रामायण का होगा सजीव चित्रण

locationभोपालPublished: Nov 12, 2021 12:29:05 pm

Submitted by:

Subodh Tripathi

रामायण का मुख्य अध्याय वन में ही बीता है। भगवान राम के वनवासी जीवन के बारे में बताया जाएगा।

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भोपाल. जनजातीय गौरव दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में पीएम मोदी भोपाल आ रहे हैं। इस अवसर पर उनके समक्ष भगवान राम के वनवासी जीवन का सजीव चित्रण किया जाएगा। कोरोना काल के बाद सरकार का यह सबसे बड़ा मेगा शो होगा, जिसमें करीब 4 मंचों पर 400 से अधिक जनजातीय कलाकार वनवासी रामायण पेश करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 नवंबर को राजधानी के जंबूरी मैदान में जनजाति गौरव दिवस के कार्यक्रम में शामिल होंगे। यहां उनके सामने प्रदेश के 400 जनजाति कलाकार एक साथ वनवासी राम को जीवंत दिखाएंगे। दरअसल, यह कलाकार मोदी के लिए वनवासी रामायण का मंचन करेंगे। इसमें भगवान राम के वनवासी जीवन के बारे में बताया जाएगा। वजह यह है कि रामायण का मुख्य अध्याय वन में ही बीता है। इसलिए इस प्रस्तुति को मोग मेगा शो के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। इसके लिए कार्यक्रम स्थल पर सात स्टेज तैयार किए जा रहे हैं। एक मुख्य स्टेज पर पीएम मोदी, राज्यपाल मंगू भाई पटेल और सीएम शिवराज सिंह चौहान सहित अन्य आदिवासी नेता बैठेंगे। बाकी के स्टेज पर 400 कलाकार प्रस्तुति देंगे।

इसलिए वनवासी रामायण पर हो रहा फोकस
भाजपा सरकार वनवासी रामायण के जरिए एक पंथ दो काज की रणनीति अपना रही है। जनजाति वर्ग पर फोकस होने के लिए ही वन और धर्म को जोड़कर रामायण शामिल की गई है। यह भाजपा की रीति और नीति के हिसाब से कार्यक्रम होगा।

सात मंच पर होगा भव्य कार्यक्रम
कार्यक्रम में छह स्टेज में प्रत्येक पर करीब 30-30 कलाकार रहेंगे। इनमें मुख्य स्टेज पर 210 और बाकी 6 पर 190 कलाकार रहेंगे। वनवासी रामायण का मंचन इस प्रकार होगा कि पहले मुख्य स्टेज पर सभी एक साथ मंचन करेंगे। फिर कलाकार बंटकर बाकी स्टेज पर पहुंच जाएंगे। इन सभी पर एक साथ कार्यक्रम चलता रहेगा। आदिवासी संस्कृति से जुड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम भी स्टेज पर पेश किए जाएंगे।

जंबूरी मैदान में आएंगे आदिवासी प्रबुद्धजन
इस मेगा शो को एक करोड़ लोग वर्चुअल तरीके से देखेंगे। वहीं २ लाख लोग जंबूरी मैदान में जुटेंगे। सभी आदिवासी वर्ग के सांसद, विधायक, नेता और भाजपा पदाधिकारियों को अपने क्षेत्रों के आदिवासी प्रबुद्धजनों व अन्य लोगों को लाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सरकार ने संबंधित विभागों को भी जिम्मा दिया है।
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कोरोना के बाद पहला बड़ा आयोजन
कोरोना काल के बाद यी सरकार का पहला मेगा शो है। इससे पहले केवल मध्यप्रदेश स्थापना दिवस पर सरकार ने भौतिक तरीके से बड़ा कार्यक्रम किया था । लेकिन वह इस तरह का मेगा शो नहीं था। इसके अलावा सरकार ने बाकी कोई बड़ा कार्यक्रम बीते 2 साल में इस तरह का नहीं किया है। 15 अगस्त से लेकर 26 जनवरी तक के समारोह भी सीमित संख्या के साथ किए गए थे।
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-एक करोड़ आदिवासी लोग वर्चुअल कार्यक्रम देखेंगे।
– दो लाख लोग जंबूरी मैदान पर कार्यक्रम में आएंगे।
– सात स्टेज जनजातीय संस्कृति थीम पर तैयार किए जा रहे हैं।
– 400 जनजातीय कलाकार वनवासी रामायण पेश करेंगे।
-210 जनजातीय कलाकार स्टेज पर कार्यक्रम देंगे।
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पूरा कार्यक्रम आदिवासी थीम पर तैयार किया जा रहा है कार्यक्रम स्थल के द्वार, मंच आदि के डिजाइन भी आदिवासी संस्कृति पर आधारित है। पूरे आयोजन स्थल में आदिवासी समाज के नायक रहे लोगों के कटआउट व बैनर लगेंगे। इसमें आदिवासी संस्कृति और मध्यप्रदेश के आदिवासी समाज की जीवन शैली को बताया जाएगा।
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