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मध्यप्रदेश / अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष को दफ्तर से बाहर किया, कमलनाथ सरकार में हुई थी नियुक्ति

कमलनाथ सरकार के वक्त हुई थी अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति...।

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भोपाल

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Manish Geete

Jul 22, 2020

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भोपाल. मध्यप्रदेश के राज्य अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष डा. आनंद अहिरवार को बुधवार को उनके दफ्तर के बाहर बैठने पर मजबूर कर दिया गया। वे दफ्तर पहुंचे तो उनके कार्यालय में ताला लटका दिया गया। कार्यालय के सचिव प्रभाकर ने यह ताला लगाया है। इस घटना के बाद डा. अहिरवार सचिव के ही कमरे में धरने पर बैठ गए। अहिरवार उनसे कोई लिखित आदेश दिखाने की जिद पर अड़े हुए हैं। इस संबंध में अहिरवार ने आयुक्त को पत्र लिखकर जानकारी मांगी है।

डा. आनंद अहिरवार बुधवार को दोपहर में जब अपने दफ्तर पहुंचे तो उनके कार्यालय में ताला जड़ दिया गया और उन्हें भीतर ही घुसने नहीं दिया गया। इसके बाद वे अपने दफ्तर के बाहर ही धरने पर बैठ गए हैं। राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त अहिरवार को दफ्तर में ही घुसने नहीं दिया गया। आयोग के कार्यालय में इस घटना के बाद से गहमा-गहमी का माहौल है।

आयुक्त को पत्र लिखकर स्थिति स्पष्ट करने को कहा

डा. अहिरवार ने बताया कि उन्हें किस प्रकार का कोई लिखित पत्र नहीं दिया गया है। उन्हें ही खुद आयुक्त को पत्र लिखकर अपनी बात कही है। अहिरवार ने अपने पत्र में लिखा है कि अनुसूचित जाति कार्यालय में जेके प्रभाकर आयोग के सचिव की ओर से अवगत कराया गया है कि मैं कार्यालय में नहीं बैठ सकता है। मैंने कहा आज अचानक ऐसी क्या बात हो गई, हाईकोर्ट की अपील क्रमांक 544 के अनुसार यथास्थिति बनाए जाने के आदेश दिए गए हैं। मुझसे आज तक किसी ने कोई चार्ज नहीं लिया गया है। अतः यदि आपकी ओर से ऐसा कोई आदेश मौखिक या लिखित जारी किया गया है तो यह माननीय उच्च न्यायालय की अवहेलना है। अतः आपसे अनुरोध है कि आयोग के सचिव जेके प्रभाकर की ओर से कथित कृत्य को जिसके द्वारा मुझे कार्यालयीन कार्य करने से रोका गया तता मेरा कार्यालय भी नहीं खोला गया। इस स्थिति को भी स्पष्ट कर मुझे वाट्सअप पर अवकर कराया जाए।

कोर्ट में है मामला

अहिरवार ने बताया कि यह माननीय उच्च न्यायालय की खुली अवहेलना है। जिस प्रकार से मध्यप्रदेश का शासन किसी भी व्यवस्था औरकोर्ट के नियमों को मानने को तैयार नहीं है। कोर्ट से उन्हें अनुमति मिली थी कि वे इस पद पर रह सकते हैं, लेकिन बुधवार को उनके कार्यालय में ताला लगा दिया गया है। गौरतलब है कि अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति का मामला कोर्ट में चल रहा है। माना जा रहा है कि गुना में दलित परिवार की पिटाई कांड को लेकर आयोग के अध्यक्ष डा. आनंद अहिरवार ने सरकार को पत्र लिखा था। माना जा रहा है कि इसके बाद ही उनके खिलाफ यह ऐसा व्यवहार किया गया है।

कमलनाथ सरकार के वक्त बने थे अध्यक्ष

डा. आनंद अहिरवार राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त हैं और राज्य अनुसूचित जाति आयोग के हाल ही में अध्यक्ष बने हैं। कमलनाथ सरकार के वक्त उन्हें मध्यप्रदेश राज्य अनुसूचित जाति आयोग का अध्यक्ष बनाया गया था। अहिरवार सागर के पूर्व सांसद भी रह चुके हैं। कमलनाथ सरकार के रहते 16 मार्च को डा. अहिरवार ने आयोग के अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण किया था।

गुना का किया था दौरा

मप्र अजा आयोग के अध्यक्ष व पूर्व सांसद आनंद अहिरवार पिछले गुरुवार को गुना आए, उन्होंने यहां सर्किट हाउस में कलेक्टर, एसपी समेत अन्य अधिकारियों से जगनपुर की घटना के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि पूर्व से जो कब्जा धारी है, उस पर कार्रवाई की जाना चाहिए थी, न कि इस दलित परिवार पर। उन्होंने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि घटना के पीछे कौन हैं, उनपर कार्रवाई होना चाहिए। शासकीय भूमि पर अतिक्रमण था तो इसको अभी तक क्यों अनदेखी की गई। उनका कहना था कि दलित से भी मिलकर उनकी बात को सुनेंगे, इसके बाद आयोग की ओर से एक पत्र मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भेजा जाएगा जिसमें कहा जाएगा कि इस दलित परिवार को आर्थिक सहायता दी जाए, दलित परिवार के एक व्यक्ति को शासकीय नौकरी भी दी जाए।