
भोपाल। मप्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग शनिवार को नारियलखेड़ा स्थित जामिआ शरीफीया लिल-मुहसिनात मदरसे में निरीक्षण करने पहुंचा। निरीक्षण के दौरान मौलवी अब्दुल नतीफ ने आयोग को बताया कि न तो उनके पास मदरसे का रजिस्ट्रेशन है और ना ही कोई दस्तावेज। शुक्रवार को आयोग के पास एक अभिभावक ने शिकायत की थी कि बिना अनुमति के उसकी दस वर्षीय बच्ची का मुंडन मदरसा संचालक द्वारा करा दिया गया।
मौलवी ने आयोग को बताया की गई शिकायत दो महीने पुरानी है, इसके लिए बच्ची के पिता से माफी भी मांग ली गई है। निरीक्षण के दौरान मौजूद बच्चियों ने आयोग सदस्य अमिता जैन को बताया कि वह स्वयं तीन मंजिला छात्रावास की साफ-सफाई करती हैं और बीते एक साल में उन्हें अभी तक प्राथमिक उपचार नहीं मिला है। बीमार होने की स्थिति में शिक्षिका ही उन्हें अस्पताल ले जाती हैं। उन्हें सिर्फ धार्मिक शिक्षा ही दी जाती है और अन्य विषय नहीं पढ़ाए जाते हैं।
मदरसा और छात्रावास अनाधिकृत तौर से संचालित हो रहा है। मदरसे का कहीं भी पंजीयन नहीं है। डीपीसी को कार्रवाई का आदेश दे दिया गया है। साथ ही भोपाल में संचालित सभी मदरसों की जानकारी आयोग ने मांगी है।
-ब्रजेश चौहान, सदस्य, बाल आयोग
आयोग द्वारा किए गए निरीक्षण के दौरान मदरसे में कई खामियां पाई गई, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। वहीं राजधानी में संचालित हो रहे सभी मदरसों की जांच भी जल्द होगी।
-शिरोमणी दुबे, डीपीसी
जिले के सभी स्कूलों में एक मई से 14 जून तक अवकाश
राजधानी में पड़ रही भीषण गर्मी को देखते हुए कलेक्टर भोपाल के आदेश पर जिले के सभी शासकीय, अशासकीय और निजी विद्यालयों में एक मई से 14 जून तक अवकाश घोषित कर दिया गया है। जिला शिक्षाधिकारी धर्मेंद्र शर्मा के अनुसार कलेक्टर के आदेश के बाद सभी सीबीएसइ, सेंट्रल स्कूल सहित निजी स्कूलों को आदेश जारी कर दिए गए हैं। हालांकि यह अवकाश केवल विद्यार्थियों के लिए हैं। स्टाफ के लिए स्कूल अपने कैलेंडर के अनुसार निर्देश जारी कर सकते हैं।
Published on:
29 Apr 2018 05:54 pm
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