
भोपाल। काटजू अस्पताल को 100 बिस्तरों के सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल में तब्दील करने का काम शुरू हो चुका है। इसके चलते अस्पताल को बंद कर दिया गया है ,लेकिन काटजू पर निर्भर करीब तीन लाख लोगों के इलाज की कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं की। स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल की ओपीडी नेहरू नगर स्थित कमला नेहरू डिस्पेंसरी में शिफ्ट तो कर दी लेकिन यहां इलाज की कोई व्यवस्था नहीं की। डिस्पेंसरी की स्थिति किसी खंडहर से कम नहीं है। डिस्पेंसरी के पास निर्माणकार्यों के चलते बड़े-बड़े गड्डे बने हुए हैं। काटज में हर रोज 700 से 800 मरीज पहुंचते थे।
यह है डिस्पेंसरी की स्थिति
कमला नेहरू डिस्पेंसरी की बात की जाए तो यहां चारों तरफ निर्माणकार्य चल रहा है। जिससे पूरी डिस्पेंसरी में धूल जमा रहती है। यही नहीं डिस्पेंसरी के कमरों में भी ईंट और सीमेंट भरी हुई है। इलाज के लिए सिर्फ बारामदा और एक कमरा ही बचता है। यही नहीं डिस्पेंसरी के मेन गेट के पास भी खुदाई चल रही है।
जेपी के अलावा कोई और विकल्प नहीं
जवाहर चौक पर स्थित काटजू अस्पताल आसपास के क्षेत्रों में अकेला सरकारी अस्पताल है। आसपास के इलाकों की करीब तीन लाख आबादी इसी अस्पताल पर निर्भर है। ऐसे में अस्पताल के बंद होने और डिस्पेंसरी के तैयार ना होने लोगों को खासी परेशानी उठानी पड़ेगी। जेपी के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा।
-700 से 800 लोग प्रतिदिन पहुंचते थे काटजू अस्पताल
-03 लाख से ज्यादा लोग निर्भर है अस्पताल पर
-20 बिस्तरों का है काटजू अस्पताल
मानव अधिकार आयोग के नए अध्यक्ष 30 को संभालेंगे पदभार
भोपाल में मप्र मानव अधिकार आयोग के नए अध्यक्ष नरेंद्र कुमार जैन 30 अप्रैल को पदभार संभालेंगे। इस अवसर पर आयोग के सदस्य मनोहर ममतानी, सरबजीत सिंह सहित अन्य अधिकारी वर्ग भी उपस्थित रहेंगे। नरेंद्र कुमार जैन ने बीकॉम, एलएलबी की डिग्री के बाद राजस्थान उच्च न्यायालय में बतौर लीगल प्रेक्टिस से अपने कॅरिअर की शुरुआत की थी। इसके बाद वह राजस्थान उच्च न्यायालय में स्थाई जज नियुक्त हुए। इसके बाद उन्हें सिक्किम उच्च न्यायालय का कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बनाया गया। 2014 में उन्हें सिक्किम मानव अधिकार आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
Published on:
29 Apr 2018 05:31 pm
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