12 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

खुशखबरी, माधव टाइगर रिजर्व में टाइगर के साथ चीते के भी होंगे दीदार, पर्यटन बढ़ा तो, मिलेंगी नौकरी

Madhav Tiger Reserve: माधव टाइगर रिजर्व, प्रदेश का 9वां और देश का 58वां रिजर्व, कूनो के चीते भी इसका जंगल कर सकेंगे साझा, बढ़ेगा पर्यटन

2 min read
Google source verification
Madhav National Park

Madhav National Park : एक साथ होंगे चीता और टाइगर के दीदार.

Madhav Tiger Reserve: टाइगर स्टेट मध्यप्रदेश अब सबसे ज्यादा टाइगर रिजर्व वाला प्रदेश भी है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को शिवपुरी जिले में नए टाइगर रिजर्व माधव नेशनल टाइगर रिजर्व में पन्ना से लाई बाघिन छोड़ इसका लोकार्पण किया। अब प्रदेश में 9 टाइगर रिजर्व हो गए। इनमें बाघों की संख्या 985 हो गई। ये सभी अब देश के पर्यटन नक्शे में प्रदेश का विस्तार करेंगे। दिसंबर 2023 के बाद इन्हें 3 नए रिजर्व रानी दुर्गावती, रातापानी और माधव टाइगर रिजर्व मिले। नए रिजर्व से सटा हुआ पालपुर कूनो नेशनल पार्क है, जो भारत में चीतों का पहला ठिकाना है।

बनेंगे बाघ-चीता कॉरिडोर

इन दोनों के बीच पोहरी और कराहल का घना वन क्षेत्र है, जिसे एक तरह से प्राकृतिक बाघ-चीता कॉरिडोर के रूप में विकसित करने की योजना है। इसके लिए बाघ और चीता आपस में जंगल साझा कर सकेंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा, प्रदेश सरकार चंबल क्षेत्र में वन्यजीव पर्यटन को बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। प्रदेश में वन संपदा है और वन्य जीव बड़ी संख्या में हैं। चंबल क्षेत्र के कूनो में चीता, चंबल नदी में घड़ियाल और अब माधव टाइगर रिजर्व में बाघ पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनेंगे।

बढ़ेगा पर्यटन, मिलेगा रोजगार

चंबल में वन्य जीव और मनुष्य मिलकर सह-अस्तित्व के भाव से अपनी-अपनी जिंदगी जी रहे हैं। यह अद्भुत नजारा केवल चंबल में देखने को मिलता है। राज्य सरकार के प्रयासों से यहां पर्यटन बढ़ेगा, रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी और ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के लिए विकास के नए द्वार खुलेंगे। माधवराव सिंधिया की जयंती पर इस रिजर्व का लोकार्पण राज्य के समग्र विकास के लिए बढ़ते कदम हैं। सीएम ने 13 किलोमीटर लंबी पत्थर से निर्मित दीवार का लोकार्पण भी किया, जो बाघ व इंसानों के बीच सुरक्षा दीवार के रूप में काम करेगी। ग्वालियर-चंबल क्षेत्र को ऐतिहासिक सौगात देने पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सीएम का आभार व्यक्त किया।

ऐसे बढ़े रिजर्व

पहले से सतपुड़ा, पेंच, बांधवगढ़, कान्हा, संजय डुबरी, पन्ना टाइगर रिजर्व थे। सितंबर 2023 में वीरांगना रानी दुर्गावती को सातवां 7 टाइगर रिजर्व बनाया। रातापानी को दिसंबर 2024 में 8वां और माधव को 7 मार्च को 9वां टाइगर रिजर्व अधिसूचित किया।

एमपी में 985 टाइगर

प्रदेश में जिस तेजी से बाघ बढ़ रहे हैं, उसी तेजी से इनके सामने भरपेट शिकार, प्रत्येक के सामने स्वतंत्र भ्रमण क्षेत्र (एक बाघ के भ्रमण के लिए एक निर्धारित टेरेटरी) जैसी कई चुनौतियों बढ़ी है। विशेषज्ञों के मुताबिक इन चुनौतियों समाधान के लिए वन विभाग के अफसरों को नए सिरे से काम करने की जरूरत है। 3 साल पहले तक 785 बाघ थे, जो वर्षों तक 6 टाइगर रिजर्व मेें सिमटे रहे। राष्ट्रीय बाघ आकलन रिपोर्ट 2022 के अंतिम विश्लेषण की रिपोर्ट के अनुसार मप्र में 785 बाघ मिलने की पुष्टि हुई। वर्तमान में बाघों के कुनबे में 985 से अधिक बाघ होने का अनुमान। अगले आकलन में इसकी पुष्टि भी होगी।

कहां कितने टाइगर

टाइगर रिजर्व- क्षेत्रफल-कहां- टाइगर

सतपुड़ा -2133.30- नर्मदापुरम -80

कान्हा- 1945- मंडला-बालाघाट- 115

संजय-डुबरी -1674.511- सीधी-सिंगरौली -23

माधव - 1651- शिवपुरी -06

पन्ना - 1578.55 - पन्ना-छतरपुर-दमोह- 96

बांधवगढ़ - 1536.94 - उमरिया-कटनी - 165

रातापानी- 1272 - भोपाल-रायसेन-सीहोर - 70

नौरादेही - 1197 - सागर-दमोह-नरसिंहपुर - 18

पेंच - 1179.632 - सिवनी-छिंदवाड़ा - 123

यहां रामसर साइट भी

माधव टाइगर रिजर्व (Madhav Tiger Reserve) के बीच सांख्य सागर रामसर साइट है, जिसमें दुनिया के कई देशों से प्रवासी पक्षी आते हैं। यहां का नजारा ठीक उसी तरह है जिस तरह राजस्थान में केवलादेव पक्षी अभयारण्य का है।

ये भी पढ़ें: ASI के पूर्व एरिया निदेशक के.के. मोहम्मद ने कहा- '..तो सीरिया और अफगानिस्तान बन जाएगा भारत'

ये भी पढ़ें: सुपर कॉरिडोर का रास्ता साफ, किसानों ने दे दी जमीन