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विधानसभा का तीसरा दिनः शिवराज सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव

विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा...।

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भोपाल

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Manish Geete

Dec 21, 2022

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भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र का बुधवार को तीसरा दिन है। तीखी बहस के बीच निकले पिछले तीन दिन के बाद बुधवार का दिन काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि आज सदन में शिवराज सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा हो रही है। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने बुधवार का समय चर्चा के लिए तय किया था। अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग भी कराई जा सकती है वहीं विपक्ष की ओर से 23 कांग्रेस विधायक सरकार को घेरेंगे।

Live Updates

12.30 pm

शिवराज सरकार ने दी तिलांजलि

नेता प्रतिपक्ष डा. गोविंद सिंह ने कहा कि आज पूरी तरह से सत्ता के घमंड में मुख्यमंत्री ने जनता से जुड़े मुद्दों को तिलांजलि दे दी। दिग्विजय सिंह ने जो अधिकार पंचायती राज में दिए थे, वो छीनकर अधिकारियों के हवाले कर दिए हैं। जनपद पंचायत, जिला पंचायत अधिकार विहीन हो गई है। विधानसभा में कार्यवाही लगातार कम होती जा रही है। सबसे कम विधानसभा चलाने का गोल्ड मेडल इस विधानसभा को मिलना चाहिए।


12.05 pm
नेता प्रतिपक्ष डा. गोविंद सिंह ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। इस पर 12 बजे चर्चा शुरू हुई। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए बुधवार का दिन तय किया था। अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत होते ही विपक्षी विधायकों ने खड़े होकर अविश्वास का समर्थन किया।

11.00 AM

विधानसभा की कार्यवाही शुरू।

10.50 AM

सत्ता पक्ष ने भी विपक्ष के आरोपों का जवाब देने की तैयारी पहले से कर ली है। विधानसभा की कार्यवाही 11 बजे से शुरू होगी।

10.40 AM

थोड़ी देर में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होगी। प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने शिवराज सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी की है। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने चर्चा के लिए बुधवार का समय दिया है।

10.30 AM

मंत्री और नेताओं का विधानसभा पहुंचने का सिलसिला शुरू। कई कांग्रेस विधायक भी पहुंचे।

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विधानसभा का दूसरा दिन कैसा रहा

इधर, विधानसभा में सत्र का दूसरा दिन मंगलवार को हंगामेदार रहा। जबलपुर के न्यू लाइफ हॉस्पिटल अग्निकांड में आठ मरीजों की मौत पर मंगलवार को सदन में जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस विधायकों ने जांच रिपोर्ट पर सवाल उठाए। उनका आरोप था कि सरकार दोषी अफसरों को बचाने में जुटी है, लेकिन मंत्री अपनी बात पर अड़े रहे। आखिरकार सरकार के जवाब से असंतुष्ट विपक्षी सदस्यों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।

प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक विनय सक्सेना ने अग्निकांड की घटना पर जिम्मेदारों पर कार्यवाही नहीं किए जाने पर सवाल किया। इस पर मंत्री ने कहा, घटना की जांच के बाद जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जा चुकी है। सीएमएचओ को भी सस्पेंड किया। दो डॉक्टर, बिजली विभाग, नगर निगम के जिम्मेदारों पर कार्रवाई की गई। बिल्डिंग कम्प्लीशन सर्टिफिकेट की जांच कराई।

सीएस की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई। पूरे प्रदेश में लगातार कार्रवाई की जा रही हैं। इस पर विधायक सक्सेना ने सवाल किया कि संभागीय कमिश्नर की रिपोर्ट का क्या हुआ। साथ ही उन्होंने अस्पताल को अनुमति दिए जाने पर भी सवाल उठाए, उनका कहना था कि भवन का निर्माण हुए बिना उसे एनओसी दी जा रही है। यह नियम ही गलत है। जब भवन तैयार हो जाए, वहां सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध हों तभी एनओसी मिलना चाहिए। लेकिन सरकार ने नियमों को सरल कर दिया है, जिससे भवन निर्माण हुए बिना ही एनओसी दी जा रही है। इसलिए भोपाल, जबलपुर, इंदौर, अशोकनगर में आग की घटनाएं हुई हैं।

उन्होंने सवाल उठाया कि जिन अधिकारियों को सस्पेंड किया गया था, वे सब बहाल कर दिए गए। जिम्मेदारों पर एफआइआर भी नहीं हुई। कांग्रेस विधायक तरुण भनोत ने आरोप लगाया कि दो मंजिल भवन की अनुमति थी, लेकिन चार मंजिल भवन किसकी अनुमति से बना दिए। नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच समिति से जांच की मांग की। स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने कहा कि नियमों में किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं किया गया है। उन्होंने तर्क दिया कि सर्टिफिकेट जारी करने का आंकलन नगरीय प्रशासन विभाग करता है। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग प्रमाण पत्र जारी करता है।

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