
Madhya Pradesh is 13th state to have a metropolitan region
MP News: दिल्ली एनसीआर, हैदराबाद एचएमआर… सब देखा और सुना। अब नया है भोपाल बीएमआर। सीहोर, विदिशा, रायसेन, राजगढ़ सब भोपाल बीएमआर के हिस्से होंगे। इन जिलों को शामिल करने के बाद भोपाल मेट्रो पॉलिटन रीजन का क्षेत्र 463 वर्ग किमी से करीब 21 गुना बढ़कर 9600 वर्ग किमी का हो जाएगा। इसी के साथ मप्र मेट्रोपॉलिटन रीजन वाला देश का 13वां राज्य बन जाएगा।
इस रीजन में स्वच्छ हवा, चलने के लिए अच्छी सड़कें, आवाजाही के लिए मेट्रो व अन्य पब्लिक ट्रांसपोर्ट तो रोजगार के लिए ढेरों मौके मिलेंगे। यूं कहें कि बड़े सपनों को पूरा करने के लिए लोगों को दिल्ली-मुंबई, हैदराबाद जैसे शहरों की ओर नहीं जाना पड़ेगा। यहीं महानगरीय सुविधाएं मिल जाएंगी। सरकारी तंत्र अगले 14 माह में मेट्रोपॉलिटन रीजन की इबारत लिख देगा। इसमें महानगरीय पब्लिक ट्रांसपोर्ट सुविधा, मेट्रो उपनगरीय ट्रेन सेवा, 12 से अधिक औद्योगिक क्षेत्र, स्वास्थ्य सेवाएं और पांच जिलों के पर्यटन क्षेत्र एक ही सर्किट में होंगे। आप किसी महानगर में जिंदगी बिताने की सोच रहे हैं तो कुछ माह इंतजार कीजिए।
स्मार्ट सिटी बना तो मजबूत हुआ शहरी बुनियादी ढांचा: स्मार्ट सिटी(metropolitan region) मिशन के लिए 28 जनवरी 2016 को पहले ही चरण में चुने गए भोपाल में बुनियादी जागे को मजबूती मिली। स्मार्ट सिटी परियोजना ने काली कुछ बदला। यया पुराने नर भोपाल के आधुनिकीकरण का पहला अहम कदम था।
मेट्रो से कनेक्टिविटी का नया युग, सफर आसान: मेट्रो रेल परियोजना बनी तो भोपाल में सुगम आवाजाही की राह को बुलंदी मिली। पहली मेट्रो लाइन अगस्त में सुभाष नगर से एम्स तवा शुरू होने की उम्मीद है। इससे ट्रैफिक आम से निजात मिलेगा। शहर में सफर आसान होने से आर्थिक गतिविधियां बढ़ेगी।
मेट्रोपॉलिटन रीजन में उद्योग फोकस में, रोजगार के मौके: भोपाल मेट्रोपॉलिटन रीजन बनने से आसपास के इलाके उपनगर होंगे। आर्थिक, सामाजिक-राजनीतिक रूप से आपस में जुड़ेंगे। मंडीदीप और अधारपुरा को जोड़ कर औद्योगिक क्लस्टर बनाए जाएंगे। रीजन में जुड़ने वाले जिलों में निवेश बढ़ेगा और रोजगार बढ़ेंगे।
राजगढ़: कुंडलिया डैम मोहनपुरा हैन. नरसिंहगढ़ किला, पिड़ी को अभयारण्य।
विविशाः उदयानरि गुफाएं, हेलियोडोरस स्तंभ बीजामंडल विदिशा संग्रहालय, लोहंगी रॉक।
भोपालः बिरला मंदिर, गुफा मंदिर, बड़ा कलाब भारत भवन, मानव ताज-उल-मस्जिद मोती संग्रहालय, जगदीशपुर, शौर्य स्मारक मछलीघर महिजाद जामा मस्जिद।
रायसेनः सांधी बरना डेम, सतधारा इंको जंगल कैंप, रातापानी स्तूप भोजपुर मंदिर, रायसेन किला शिव मंदिर मवे अभयारण्य, महादेव पानी जलप्रपात।
सीहोरः सलकनपुर चिंतामन म्यगेश मंदिर, सीहोर किल्ला, कथाली
मिलेगा आशियाना: भेल, बैरागढ़, करोद, फोलार में बड़ी टाउनशिप विकसित हो सकती है। करीच 500 हेक्टेयर सीलिंग की जमीन खाली है। सैटेलाइट टाउन की तरह में काम करेगी। इससे शहर पर आबदी का बोझ घटेगा।
आवाजाही आसान: मेट्रो, इलेक्ट्रिक बसे, स्मार्ट बस स्टॉप, एकीकृत ट्रैफिक कंट्रोल में मजबूत पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम। घर से किसी भी हिस्से में दस्तर, बाजार जाना आसान होगा। क्योंकि नई टाउनशिप 18 और 30 मीटर चौड़ी सड़कों के पास ही तय होगी।
रोजगार: अइटी पार्क स्टार्टअप इन्क्यूलेशन सेंटर, नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित होंगे। इनमें निवेशकों की भागीदारी बढ़ेगी रोजगार के मौके बांगे।
हरियाली, स्वच्छता, जैव-विविगता मोजनाबद्ध तरीके से कहाई जाएंगी। नदियों-झीलों, पावड़ियों के संरक्षण की योजना। वन क्षेत्र सुधरेगा। पर्यावरण सुधरने पर सांसों के लिए स्वच्छ हवा मिलेगी।
औद्योगिकी इकाइयों का नितार, मेडिकल डिवाइस उद्योग की स्थापना। बड़ी हेल्थ केयर कंपनियों के लिए निवेश के मौके। बड़े मल्टी-स्पेशियलिटी हॉस्पिटल बनेंगे। अच्छी स्वास्य सुविधाएं मिलेगी।
शिक्षा, शोध : 70 लाख आबादी के लिए विकसित किए जाने वाले मेट्रो पॉलिटन रीजन में शिक्षा के लिए नए कॉलेज विश्वविद्यालयों की स्थापना। नए तकनीकी संस्थान। रिसर्च सेंटर बनेंगे।
भोपाल को महानगर की तरह विकसित करना ही बाहिर। यह योजना अच्छी है। प्लान में सबसे ज्यादा जरूरी छोटे प्लैंट पर जरूरत के अनुसार निर्माण की अनुगति देने का प्रावधान हो। इससे लोग बढ़ते परिवार की जरूरत उसी सकान में अतिरिल कमरे बनाकर पूरी कर सकेंगे। पब्लिक ट्रांसपोर्ट महानगर की रीढ़ है। भोपाल में मेट्रो शुरू होने वाली है। इसके विस्तार पर फोकस करना होगा, तब ये महानगर की जीवनरेखा बन सकेगी। बस सेवा और अन्य ट्रांसपोर्ट सिस्टम को मजबूत करना माहिए।
भोपाल को महानगर बनाने की जरूरत लंबे समय से थी। राजधानी होने के बाद उस गति से विकास नहीं हुआ। बीते 10 साल में तेजी जरूर आई। कई किज बने, लेकिन बढ़ते ट्रैफिक और आबादी के अनुसार अभी करकी काम की जरूरत है। मेट्रोपॉलिटन रोजन बनने से नई सैटेलाइट टाउनशिप बनेगी तो शहार से बढ़ती आबादी हायवर्ट होगी। पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम मजबूत होने से लोगों के पैसों की बचत होगी। उनका जीवनस्तर सुधरेगा। वे दिल्ली-मुंबई जाने की बजाय भोपाल में ही महानगरीय सुधिकओं का लाभ ले सकेंगे।
Updated on:
26 May 2025 07:38 am
Published on:
25 May 2025 08:41 am
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